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 वैज्ञानिकों ने फ्लुओरेसेंस रीडआउट द्वारा सार्स-कोव-2 का पता लगाने के लिए एक नए टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म का विकास किया

 वैज्ञानिकों ने फ्लुओरेसेंस रीडआउट द्वारा सार्स-कोव-2 का पता लगाने के लिए एक नए टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म का विकास किया

नई दिल्ली । वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक नई प्रौद्योगिकी का विकास किया है, जो उत्सर्जित फ्लुओरेसेंट प्रकाश के मापन द्वारा वायरस जैसे रोगजनकों के फ्लुओरोमीट्रिक का पता लगाने के लिए एक टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म है। सार्स-कोव-2 का पता लगाने के लिए नई प्रौद्योगिकी की क्षमता प्रदर्शित की गई है। इस टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म का उपयोग एचआईवी, इंफ्लुएंजा, एचसीवी, जीका, इबोला, बैक्टेरिया तथा अन्य उत्परिवर्तित/उभरने वाले रोगजनकों जैसे दूसरे डीएनए/आरएनए रोगजनकों का पता लगाने के लिए भी किया जा सकता है। वायरस मानव स्वास्थ्य के लिए एक प्रमुख वैश्विक खतरा है तथा सार्स-कोव-2 द्वारा उत्पन्न वर्तमान में जारी कोविड-19 महामारी ने हमारे जीवन के सभी पहलुओं पर विनाशकारी प्रभाव डालना जारी रखा है। आरएनए वायरस की अभूतपूर्व ट्रांसमिशन दर के कारण कांटैक्ट ट्रेसिंग (प्रसार को रोकने के लिए) को सुगम बनाने के लिए त्वरित तथा सटीक निदान एवं समय पर उपचार प्रदान करना आवश्यक हो गया है।
 

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