नई दिल्ली । गोवा जैसे छोटे राज्य में राजनीति और सामाजिक समीकरण अन्य राज्यों की तुलना में अलग है। जहां देश के अन्य हिस्सों में भाजपा को अल्पसंख्यक समुदाय के बीच अपनी पैठ बनाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है, वहीं गोवा में उसे ईसाई समुदाय का भरपूर समर्थन मिल रहा है। बीते दो विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ईसाई समुदाय के जितने भी उम्मीदवार उतारे, सभी को जीत हासिल हुई है। इससे उत्साहित होकर भाजपा ने इस बार 12 ईसाई उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। गोवा के सामाजिक समीकरणों में लगभग 66 फीसदी हिंदू, 25 फीसदी ईसाई व आठ फीसदी मुस्लिम हैं। भाजपा को आमतौर पर हिंदूवादी पार्टी माना जाता है और देश के विभिन्न राज्यों में यह समुदाय उसका बड़ा आधार भी है, लेकिन गोवा के समीकरण कुछ अलग हैं। भाजपा को यहां पर ईसाई समुदाय का भरपूर समर्थन हासिल हुआ है। 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने छह ईसाई उम्मीदवार उतारे थे और सभी को जीत हासिल हुई थी। 2017 में भाजपा ने ईसाई समुदाय के सात उम्मीदवारों पर दांव लगाया और वे सभी भी जीतने में सफल रहे। इससे उत्साहित होकर भाजपा ने इस बार 12 ईसाई समुदाय के लोगों को चुनाव मैदान में उतारा है।
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गोवा में भाजपा का अल्पसंख्यक ईसाइयों पर दांव 12 कैंडिडेट उतारे पार्टी में बढ़ी नाराजगी