सबसे ज्यादा 65 प्रतिशत मुजफ्फरनगर और सबसे कम 52 प्रतिशत गाजियाबाद में; 643 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में सात चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले चरण में गुरुवार को मतदान हुए। पश्चिम यूपी की 11 जिलों की 58 सीटों पर कुल 60 प्रतिशत वोटिंग हुई। सबसे ज्यादा 65 प्रतिशत मुजफ्फरनगर और सबसे कम 52 प्रतिशत गाजियाबाद जिले में वोटिंग हुई। वहीं, अगर विधानसभा की बात करें तो सबसे ज्यादा कैराना में हुई है। यहां 75.12 प्रतिशत वोटिंग हुई है।
11 जिलों में छिटपुट घटनाओं के बीच 643 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई है। इस बार कई जगह लोगों ने वोट डालते हुए अपने वीडियो शेयर किए। बागपत, छपरौली और आगरा की एत्मादपुर की सीट पर वोट डालते हुए कई वोटर्स ने अपने वीडियो शेयर किए। इससे चुनाव की गोपनीयता और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए हैं। इसके अलावा, कई जगह लोगों ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए वोटिंग का बहिष्कार किया।
केंद्रों पर लंबी-लंबी कतार
सुबह से ठंड, कोहरे और शीतलहर की परवाह किए बगैर पश्चिमी यूपी के 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों पर मतदाता अपने मतों का उपयोग करने उमड़ पड़े। कई जगह तो यह लाइन 500 मीटर तक भी देखी गई। इसी बीच कई जगहों से मतदान के बहिष्कार की भी खबरें आईं तो कहीं ईवीएम खराब होने की। यही नहीं समाजवादी पार्टी ने लगातार ट्वीट कर तमाम पोलिंग बूथों पर आ रही समस्याओं की शिकायत की है।
मणिपुर में चुनाव की तारीखें बदलीं
चुनाव आयोग ने गुरुवार को एक अहम फैसले में मणिपुर विधानसभा चुनाव की तारीखों में संशोधन कर दिया है। चुनाव आयोग ने बताया कि पहले चरण का मतदान 27 फरवरी के बजाए अब 28 फरवरी को होगा। वहीं दूसरे चरण का मतदान 3 मार्च की जगह 5 मार्च को होगा। आपको बता दें कि मणिपुर में कुल 60 विधानसभा सीटें हैं। पहले चरण में यानी 28 फरवरी को 38 सीटों पर मतदान होगा, जबकि बाकी 22 सीटों पर दूसरे चरण में 5 मार्च को मतदान होगा। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है। वैसे कई क्षेत्रीय दल भी चुनाव मैदान में हैं, जो सत्ता का समीकरण बदल सकते हैं।
रीजनल नार्थ
ईवीएम खराबी पर बवाल तो कहीं भिड़ गए कार्यकर्ता, सपा ने शिकायतों की लगा दी बौछार यूपी की 58 विधानसभा सीटों पर 60 फीसदी मतदान