वॉशिंगटन । एक ताजा अध्ययन के अनुसार, सिर्फ पृथ्वी ही ऐसा ग्रह है जहां जीवन मौजूद है। हमारे ही ग्रह पर तरल पानी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह कहां से और कैसे आया, इस पर बड़े सवालिया निशान हैं। अब नए शोध से पता चला है कि पानी पृथ्वी बनने से पहले ही हमारे सौर मंडल में मौजूद था। फ्रेंच नेशनल म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री के जियोकेमिस्ट जेरोम एलेन के नेतृत्व में एक टीम पानी को लेकर शोध किया है। उनकी टीम के अनुसार, सौर मंडल के जन्म के दौरान बने उल्कापिंड में पानी के आइसोटोप आज पृथ्वी पर पाए जाने वाले पानी के आइसोटोप से मेल खाते हैं।
शोधकर्ताओं ने अपने रिसर्च पेपर में लिखा है कि सौर मंडल में पानी की प्रारंभिक आइसोटोप कंपोजिशन सौरमंडल के ग्रहों पर पानी की उत्पत्ति को समझने के लिए सबसे अच्छे माध्यम हैं।टीम ने बताया कि हमने अपने रिसर्च में सौर मंडल के गठन की शुरुआत में बने आदिम उल्कापिंडों पर मौजूद पानी की हाइड्रोजन समस्थानिक संरचना का पता लगाया। कैल्शियम-एल्यूमीनियम से समृद्ध ये आदिम उल्कापिंड हाइड्रोजन की समस्थानिक संरचना का उपयोग करते हैं। कुछ प्रकार के उल्कापिंड, सौर मंडल के जन्म से टाइम कैप्सूल के रूप में काम कर सकते हैं। रेडियोमेट्रिक डेटिंग से पता चलता है कि पृथ्वी का निर्माण 4।54 अरब साल पहले हुआ था। 1962 में कजाकिस्तान में पाए गए एफ्रेमोव्का उल्कापिंड में ऐसे तत्व हैं जो 4।57 अरब साल पहले के हैं। यह उल्कापिंड कैल्शियम और एल्युमीनियम से भरपूर था। इसका विश्लेषण एलन और उनके सहयोगियों ने एक नई तकनीक के जरिए किया है। उल्कापिंड के वाटर कंटेंट को मापने के लिए टुकड़े में मौजूद सभी खनिजों की पहचान करने और जांच करने के उद्देश्य से फोकस्ड आयन बीम इमेजिंग का उपयोग किया।
इस दौरान पूरे शोध से पता चला कि पृथ्वी से पहले भी पानी कई पिंडों पर मौजूद था। उनके आइसोटोप वर्तमान में पृथ्वी पर मौजूद पानी के आइसोटोप से मिलते-जुलते पाए गए हैं। इस शोध के आधार पर दावा किया गया है कि पृथ्वी के अलावा भी कई दूसरे पिंडों और ग्रहों पर पानी की मौजूदगी के आसार ज्यादा हैं। हाल में ही मंगल ग्रह पर पानी बहने के निशान का पता चला था। बता दें कि पानी जीवन के लिए सबसे आवश्यक तत्व है। हम नहीं जानते कि पृथ्वी पर जीवन कैसे उभरा। लेकिन, इतना जरूर जानते हैं कि पानी के बिना जीवन बिल्कुल भी संभव नहीं है।
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पानी कहां से और कैसे आया, इस पर सवालिया निशान -उल्कापिंड ने खोला करोड़ों साल पुराना रहस्य