अंग्रेजी में कहावत है सिंपल लिविंग एण्ड हाई थिंकिंग अर्थात् रहन सहन साधारण व सोच ऊंची हो। सरलता व साधारणता की परिभाषा बहुत गहरी है केवल ड्रेस आदि में साधारण नहीं हमारे संकल्प, बोल, संबंध व कर्म में स्वच्छता व सरलता हो तो वह सभी को आकर्षित करता है। हमारे कर्मों से किसी का व्यर्थ संकल्प चलता है या हमारे स्वयं के मन में भी किसी के प्रति व्यर्थ संकल्प चले तो वह भी सरलता नहीं है। न ही हम समस्या में रहें और न ही दूसरों के लिए समस्या बनें। सामने वाले ने जो किया सो किया लेकिन इसके लिए यदि हम सोचने लग जाते हैं तो ये बुद्धिमानी नहीं है। जो सरल व्यक्ति नहीं होता वह परिवार, समाज के स्नेह व सहयोग से वंचित रह जाता है जबकि सिंपल व्यक्ति की तरफ न चाहते हुए भी सभी को स्नेह व सहयोग देने की शुभभावना स्वत: होती है। संगठन की मजबूती के लिए भी सरलता जरूरी है सेवाधारी अर्थात् नम्रचित्त व निर्माण। इनका मुख्य गुण है त्याग, सेवा में सदा हां जी, एवररेडी। सेवाधारी के संस्कार में कैलेण्डर देखने की आदत होनी चाहिए कि किस त्यौहार, दिवस अथवा अवसर पर कैसे लोगों को जागरूक करें। इसके अच्छी प्लैनिंग चाहिए जिसके लिए बुद्धि का प्लेन होना जरूरी है। उक्त बातें ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में रविवार को आयोजित योग साधना कार्यक्रम में स्पेषल क्लास में साधकों को परमात्म महावाक्य सुनाते हुए टिकरापारा सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी मंजू ने कही।
दिनचर्या में रौब का आना विघ्न है
मंजू ने आगे कहा कि यदि हमारे कार्य व्यवहार में रौब या गुस्सा शामिल है तो वह हमारे कार्य की सफलता में बाधक है। जहां रूहानियत है वहां राहत मिलती है और जहां देह अभिमान है वहां घबराहट होती है। जीवन में रूहानी रूहाब नहीं तो वह सेवाधारी के लक्षण नहीं हैं। नुमाशाम के समय में सभी ने शान्ति के प्रकम्पन्न फैलाने के लिए सामूहिक योगाभ्यास भी किया।
नेशन
सरलता व सहजता में महानता है -मंजू ० सरल व्यक्ति को परिवार व समाज का स्नेह व सहयोग मिलता है ० ब्रह्माकुमारीज़ सेवाकेन्द्र में योग साधना कार्यक्रम