बेंगलुरु । कर्नाटक सरकार ने कहा है कि हिजाब विवाद के मद्देनजर राज्य में उच्च शिक्षा संस्थान और कॉलेजों में 16 फरवरी तक छुट्टी रखने का निर्णय लिया है। राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री सी एन अश्वथ नारायण ने एक बयान में कहा परीक्षाएं हालांकि निर्धारित समय पर होंगी और ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का निर्देश दिया गया है।
इससे पहले दिन में, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी सी नागेश और गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र दोनों ने संकेत दिया था कि प्री-यूनिवर्सिटी और डिग्री (उच्च शिक्षा) कॉलेजों को फिर से खोलने के संबंध में निर्णय 14 फरवरी को लिया जाएगा। नारायण ने कहा कि हिजाब विवाद को देखते हुए कॉलेजिएट एवं तकनीकी शिक्षा विभाग (डीसीटीई) ने नौ फरवरी से 11 फरवरी तक संस्थानों को बंद रखने की घोषणा की थी, लेकिन अब एहतियात के तौर पर इसे बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा यह बंद सरकारी, सहायता प्राप्त, गैर सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों, डिप्लोमा और इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए लागू है। सरकार ने गुरुवार को कक्षा 10 तक के हाईस्कूल छात्रों के लिए 14 फरवरी से और प्री-यूनिवर्सिटी एवं डिग्री कॉलेजों के लिए इसके बाद कक्षाएं फिर से शुरू करने का फैसला किया था।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश में हिजाब से संबंधित सभी याचिकाओं पर पहले राज्य सरकार से शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने को कहा था और सभी छात्रों को भगवा शॉल, स्कार्फ, हिजाब और किसी भी धार्मिक ध्वज के साथ कक्षा के भीतर जाने से रोक दिया था। राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिजाब के खिलाफ विरोध तेज होने के कारण सरकार ने नौ फरवरी से राज्य के सभी हाई स्कूलों और कॉलेजों में तीन दिन का अवकाश घोषित कर दिया था। इससे पहले आज दिन में, कर्नाटक सरकार ने स्कूल फिर से खोले जाने के मद्देनजर शुक्रवार को जिला प्रशासन को कई निर्देश जारी किए, जिससे कि शांति कायम रखी जा सके और यह सुनिश्चित हो सके कि उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन नहीं हो।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मंत्रियों के साथ-साथ सभी जिलों के उपायुक्तों (डीसी), पुलिस अधीक्षक (एसपी), लोक निर्देश के उप-निदेशक (डीडीपीआई) और सभी जिलों के जिला पंचायतों के सीईओ के साथ जमीनी स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक की। गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा सोमवार से राज्य में हाई स्कूल की कक्षाएं फिर से शुरू होंगी। इसके मद्देनजर निर्देश जारी किए गए हैं कि कोई अप्रिय घटना न हो।
संवेदनशील क्षेत्रों में डीसी और एसपी को शैक्षणिक परिसर का दौरा करके देखेंगे कि निर्देशों का पालन किया जा रहा है या नहीं। अधिकारियों और शिक्षण कर्मचारियों से कहा गया है कि वे सुनिश्चित करें कि कोई अप्रिय घटना न हो। ज्ञानेंद्र ने आगे कहा स्थानीय प्रशासन को ऊपर से आदेश की प्रतीक्षा करने के बजाय स्थिति के अनुसार कार्य करने और तत्काल उपाय करने का अधिकार दिया गया है।
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हिजाब विवाद की वजह से 16 फरवरी तक बंद रहेंगे उच्च शिक्षण संस्थान और कॉलेज