जेनेवा । संयुक्त राष्ट्र श्रम मंत्रालय की एक वार्षिक रिपोर्ट में चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर तथा अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों की काम की परिस्थियों को रेखांकित किया गया है। रिपोर्ट में लोगों को उपनी मर्जी से रोजगार चुनने से वंचित करने के लिए कठोर कदम उठाए जाने का भी संकेत दिया गया है और चीन से इस बात की और सूचना देने की मांग की गयी है कि वह उनके मानवाधिकारों का सम्मान कैसे कर रहा है। यह रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन समिति ने पेश की है। अधिकार समूह और पश्चिमी देशों की सरकारों ने क्षेत्र में मुसलमानों के साथ हो रहे बर्ताव पर चिंता जताई है। स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की 20 सदस्यीय समिति ने एक अलग रिपोर्ट दी है जिसमें चीनी सरकार का बचाव करते हुए कहा गया है कि चीन के अनुसार शिनजियांग में व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र चलाए जा रहे हैं। बीजिंग का कहना है कि इन केन्द्रों का मकसद आर्थिक स्थिति में सुधार लाना और क्षेत्र में चरमपंथी हिंसा को कम करने में मदद करना है। समिति ने चीन की सरकार से इस बारे में अधिक जानकारी प्रदान करने का आह्वान किया कि उसकी नीतियां स्वतंत्र रूप से चुने गए रोजगार का समर्थन कैसे करती हैं और जबरन श्रम को कैसे रोकती हैं, साथ ही इसमें उइगरों के प्रशिक्षण केन्द्रों में पाठ्यक्रमों के प्रकार और लोगों की संख्या के बारे में जानकारी देने को कहा गया है। जेनेवा में चीन के राजनयिक मिशन ने इस संबंध में एसोसिएटेड प्रेस द्वारा भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया है।
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चीन के शिनजियांग क्षेत्र पर संयुक्त राष्ट्र श्रम एजेंसी ने चिंता जताई