नई दिल्ली । कर्नाटक के उडुपी से शुरू हुआ हिजाब विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। इसकी आंच देश के अधिकांश हिस्सों में पहुंच चुकी है। इस बीच कर्नाटक में पांच दिन बाद फिर से स्कूल, कॉलेज खुलने जा रहे हैं। किसी भी सांप्रदायिक तनाव से निपटने के लिए पुलिस ने चाक चौबंद व्यवस्था की है। इसके अलावा संस्थानों के आसपास निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
सोमवार से ही कर्नाटक विधानसभा सत्र शुरू होने वाला है। विपक्षी कांग्रेस इस पूरे मुद्दे में सरकार को घेरने की रणनीति बना चुकी है। इसी बीच उडुपी से भाजपा विधायक रघुपति भाट ने शांति समिति की बैठक के बाद कहा कि हिजाब मुद्दे पर हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश का पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश तक हिजाब को छात्राएं शैक्षणिक संस्थानों में पहनकर नहीं आ सकतीं, लेकिन जिन संस्थानों में कोई ड्रेस कोड नहीं है, वहां छात्राएं हिजाब पहनकर आती हैं तो इसे रोका नहीं जाएगा।
रविवार को इस संबंध में भाजपा विधायक रघुपति भाट की अध्यक्षता में सर्वधर्म शांति समिति की बैठक हुई। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन शैक्षणिक संस्थानों में कोई ड्रेस कोड नहीं है, वहां छात्राएं हिजाब पहनने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन जहां ड्रेस कोड निर्धारित है, वहां हिजाब की अनुमति नहीं होगी। इससे पहले हाई कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा था कि फैसला आने तक स्टूडेंट्स धार्मिक वस्त्र पहनकर नहीं आ सकते हैं, लेकिन यह आदेश उन्हीं संस्थानों तक सीमित है जिन संस्थानों ने ड्रेस कोड निर्धारित की है।
हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के तहत ही शांति समिति ने निर्णय लिया कि जिन संस्थानों में ड्रेस कोड निर्धारित नहीं है वहां छात्राएं हिजाब पहनने के लिए स्वतंत्र है। अधिकारियों का कहना है कि शांति समिति के इस फैसले से इस मुद्दे पर हो रहे तनाव को कम करने में मदद मिलेगी। हालांकि अंडरग्रेजुएट एजुकेशन डिपार्टमेंट ने कॉलेजों में यूनिफॉर्म को अनिवार्य नहीं बनाया है, लेकिन कुछ संस्थानों ने खुद से यूनिफॉर्म के लिए नियम बनाए हैं।
रीजनल साउथ
सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच कर्नाटक में स्कूल-कालेज खुले, शिक्षण संस्थानों ने आसपास निषेधाज्ञा लागू