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एयर इंडिया के पास अक्टूबर के बाद वेतन देने के लिए पैसा नहीं

एयर इंडिया के पास अक्टूबर के बाद वेतन देने के लिए पैसा नहीं

एयर इंडिया की वित्तीय मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। कंपनी के पास अक्टूबर के बाद वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं। यह जानकारी कंपनी से जुड़े दो बड़े अधिकारियों ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर दी है। उन्होंने बताया कि सरकार ने एयर इंडिया को 7,000 करोड़ की रकम पर सॉवरन गारंटी दी थी। इस समय कंपनी के पास 2,500 करोड़ रुपए ही बचे हैं, जो जल्दी ही खर्च हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि तेल कंपनियों, एयरपोर्ट ऑपरेटरों और अन्य वेंडर्स का बकाया चुकाने और कुछ महीनों का वेतन देने में ये पैसे खर्च हो जाएंगे। एयर इंडिया हर माह सेलरी पर 300 करोड़ रुपए खर्च करती है। घाटे में चल रही यह विमानन कंपनी पिछले कई महीनों से वेतन का भुगतान विलंब से कर रही है। 
कंपनी सूत्रों के अनुसार कंपनी ने मई माह की सेलरी भी 10 दिन के विलंब से दी थी। एयर इंडिया अकेली सरकारी कंपनी नहीं है, जिसे अपने कर्मचारियों को वेतन देने में परेशानी हो रही है। खबरों के मुताबिक, बीएसएनएल लिमिटेड भी सेलरी देने की स्थिति में नहीं है। सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी की खराब वित्तीय स्थिति की जानकारी है। हालांकि, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने आगामी बजट में कंपनी के लिए कोई मांग नहीं रखी है, जो 5 जुलाई को पेश किया जाना है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा हमने अंतरिम बजट में जो मांग रखी थी, वही इस बार भी रखी है। हम एयर इंडिया के अलग से कुछ नहीं मांग रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले आए अंतरिम बजट में एयर इंडिया ऐसेट होल्डिंग्स लिमिटेड को पिछले वित्त वर्ष में 3,900 करोड़ रुपए दिए गए थे और इस वित्तवर्ष में उसे 29,000 करोड़ दिए जाएंगे। इस कंपनी को एयर इंडिया का 58,000 करोड़ का कर्ज ट्रांसफर किया गया है। इस बीच, एयर इंडिया को भी इस वित्त वर्ष से 9,000 करोड़ रुपए के कर्ज का भुगतान शुरू करना है, लेकिन उसकी हैसियत ऐसी नहीं है। कंपनी ने इस पर सरकार की मदद मांगी है, लेकिन उसके स्वीकार किए जाने की संभावना कम है। सरकार इस कंपनी में 100 फीसदी हिस्सेदारी निजी निवेशकों को बेचने की योजना बना रही है। इस साल कंपनी को जो कर्ज चुकाना था, उसमें से आधे का भुगतान वह अगले वित्त वर्ष के लिए टालने की कोशिश में है। ऊपर जिन अफसरों का जिक्र है, उनमें से एक ने कहा हम कुल कर्ज में से आधे का भुगतान अगले साल तक टालने की कोशिश कर रहे हैं। यह वर्किंग कैपिटल लोन है। हालांकि, बाकी कर्ज के मामले में हम कुछ नहीं कर सकते क्योंकि वह पैसा एयरक्राफ्ट की एवज में लिया गया है। 

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