महिलाओं को घर के कामकाज के साथ ही बच्चों को भी संभालना होता है। कामकाजी महिलाओं के लिए यह काम और भी कठिन हो जाता है। बच्चों का पालन पोषण करना कोई आसान काम नहीं है। सही समय पर उनकी गलतियो को पहचान कर सुधारना आपका फर्ज होता है। कभी-कभार डांट से बचने या किसी ओर कारण से बच्चे झूठ बोल देते है। शुरू-शुरू में छोटी-मोटी बात पर झूठ बोलना बाद में बच्चों की आदत बन जाता है। इसलिए आपका फर्ज है कि उन्हें सही तरीके से समझा कर उनकी इस आदत को दूर करें। जरूरी नहीं कि इसके लिए आप डांट या मार का सहारा लें। आप कई ओर तरीके अपना बच्चे को झूठ बोलने से रोक सकती है।
बनें रोल मॉडल
बच्चे ज्यादातर आदतें अपने अभिभावकों से ही सीखते है। ऐसे में अगर आप उनके सामने छोटी-मोटी बातों को लेकर झूठ बोलेंगे तो वो भी ऐसा ही सीखेंगे। इसलिए बच्चों के सामने झूठ बालने की बजाए उनके लिए रोल मॉडल बनें।
प्यार से समझाएं
अक्सर बच्चों के कुछ गलत करने पर आप उन्हें डांटने लग जाते है। इससे बच्चे डर कर आप से झूठ बोलने लग जाते है। इसलिए बच्चे अगर कोई गलती करें तो उन्हें डांटने या मारने की बजाए प्यार से समझाएं। इससे बच्चे का आप पर विश्वास बढ़ेगा और वो आपके खुद आकर अपनी गलती बता देगा।
हल निकालें
बच्चे की किसी गलती पर उसके साथ बैठकर उसका सही हल निकालें। इससे उसका आपके प्रति भरोसा बढ़ेगा और वो आपसे झूठ बोलने की बजाए सारी बातें आपको बताएगा, फिर चाहें वो स्कूल या दोस्तों से जुड़ी क्यों न हो।
तारीफ करना
अगर बच्चा आकर आपके सामने अपनी गलती मानते है तो उन्हें डांटे नहीं। इसकी बजाए उसके सच बोलने की तारीफ करें और उन्हें गलती का अहसास करवाएं। इससे वो आगे से झूठ नहीं बोलेंगे।
आरोग्य
बच्चों की रोल मॉडल बनें