नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश चुनाव अपने राउंड 3 की ओर बढ़ रहा है। दो दौर का मतदान हो चुका है, जिसमें तमाम पार्टियां अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही हैं लेकिन जनता का रिजल्ट क्या है, वो 10 मार्च को पता चलेगा। उत्तर प्रदेश की सियायत जितनी जातीय समीकरण पर टिकी है, उतनी ही बाहुबलियों के दम पर भी चली है। एक वक्त सूबे की राजनीति में ऐसा था कि सरकार किसी की भी बने लेकिन इन बाहुबली नेताओं का दबदबा बरकरार रहा है। इस चुनाव में भी स्थिति कुछ अलग नहीं है। कांग्रेस को छोड़कर बाकी सभी अहम पार्टियों ने बाहुबलियों के बेटों पर भरोसा जताया है। 4 बाहुबली तो ऐसे हैं, जिनके बेटे पहले भी एक-एक बार विधानसभा पहुंच चुके हैं। इन पर हत्या से लेकर कई अलग-अलग तरह के मुकदमे दर्ज हो चुके हैं लेकिन फिर भी जनता इनके लिए वोट देती है।
अमनमणि त्रिपाठी
अमनमणि त्रिपाठी की उम्र यूं तो 31 साल है। उन पर पत्नी की हत्या के आरोप भी हैं। उनके पिता का नाम है अमरमणि त्रिपाठी, जिन्हें पूर्वांचल के डॉन हरिशंकर तिवारी का वारिस भी कहा जाता है। अमरमणि त्रिपाठी 6 बार लगातार विधायक रहे। वह मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।
इनके बेटे अमनमणि त्रिपाठी बीएसपी के टिकट से नौतनवा विधानसभा सीट से चुनावी रण में हैं। 2017 में इसी सीट से वह निर्दलीय विधायक चुने गए थे। पत्नी की हत्या के आरोप के अलावा रंगदारी और जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप है।
अब्दुल्ला आजम खान
सपा के बड़े नेता आजम खान के बेटे हैं। 31 साल के अब्दुल्ला जनवरी में जेल से बाहर आए हैं। उन पर 40 से ज्यादा केस दर्ज हैं। सपा के टिकट पर इस बार स्वार सीट से मैदान में हैं। ये 25 साल की उम्र में एमएलए बने थे। लेकिन बाद में मालूम हुआ कि उन्होंने फर्जी दस्तावेज बनाकर अपनी उम्र 25 साल दिखाई थी। इसके बाद इनकी विधायिकी को निरस्त कर दिया गया और फिर जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया गया। आजम खान भी 2 साल से रामपुर जेल में कैद हैं।
अब्बास अंसारी
अब्बास अंसारी उत्तर प्रदेश के मशहूर डॉन और 5 बार विधायक रहे मुख्तार अंसारी के बेटे हैं। मुख्तार हवालात के पीछे हैं और उन पर मर्डर, फिरौती समेत 52 केस दर्ज हैं। पहले कहा जा रहा था कि मुख्तार जेल से ही चुनाव लड़ेंगे लेकिन अब उनकी मऊ सीट से उनके बेटे अब्बास रण में उतरे हैं। अब्बास को सपा गठबंधन की सुभासपा ने टिकट दिया है। अब्बास नेशनल लेवल के शूटर रहे हैं और तीन बार शूटिंग में नेशनल चैम्पियन रहे हैं।
अरुणकांत यादव
अरुणकांत यादव बाहुबली नेता रमाकांत यादव के बेटे हैं, जो 4 बार विधायक, सांसद और मंत्री रह चुके हैं। इन पर हत्या की कोशिश, किडनैपिंग समेत कई मुकदमे दर्ज हैं। इनके और मुख्तार अंसारी के बीच कई बार गैंगवॉर भी हो चुकी है। इस बार अरुणकांत यादव फूलपुर पवई विधानसभा सीट से विधायक हैं। अरुणकांत पर भी पिता की तरह कई मामले दर्ज हैं। साल 2021 के पंचायत चुनाव में अरुणकांत ने सपा प्रत्याशी का सिर लाठी से फोड़ दिया था।
विनय तिवारी
विनय तिवारी किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। इनके पिता हरिशंकर तिवारी जेल से चुनाव जीतने वाले यूपी के पहले नेता थे। एक वक्त पर हरिशंकर का कद ऐसा था कि हर पार्टी उनका साथ चाहती थी। हरिशंकर 6 बार विधायक रहे। सरकार किसी की भी हो, इनका मंत्री पद सेफ रहता था। विनय तिवारी पर बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह से 750 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा चल रहा है। साल 2017 में विनय चिल्लूपार सीट से बसपा के टिकट पर जीते थे। 2021 में बीएसपी ने उन्हें निकाल दिया। अब वह चिल्लूपार से ही सपा के टिकट पर मैदान में हैं।