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आपके साथ खून का रिश्ता है, गुरु गोविंद सिंह जी के पंज प्यारों में से एक गुजरात से भी थे - मोदी ने सिख नेताओं से कहा 

आपके साथ खून का रिश्ता है, गुरु गोविंद सिंह जी के पंज प्यारों में से एक गुजरात से भी थे - मोदी ने सिख नेताओं से कहा 


नई दिल्ली ।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में अपने आवास पर वरिष्ठ सिख नेताओं से बातचीत में कहा कि पके साथ खून का रिश्ता है, गुरु गोविंद सिंह जी के पंज प्यारों में से एक गुजरात से भी थे। उन्होंने कहा कि भारत का जन्म 1947 में नहीं हुआ। पंजाब में रविवार को चुनाव होने हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक वीडियो में वो कहते दिख रहे हैं, " यह देश कोई 1947 में पैदा थोड़े ही हुआ है जी।।।।हमारे गुरुओं ने कितनी तपस्या की है।।।हमने इमरजेंसी ऑपरेशन के समय बहुत पीड़ाएं सहीं। उस दौरान पंजाब में इमरजेंसी के खिलाफ सत्याग्रह हुआ करते थे।  मैं उस समय अंडरग्राउंड था। मैं छिपने के लिए एक सिख का भेष बना कर रखता था। मैं पगड़ी पहना करता था।" 
प्रधानमंत्री मोदी ने सिख समुदाय को ध्यान में रखत हुए दोबारा कहा कि कांग्रेस करतारपुर साहिब गुरुद्वारे को 1947 के विभाजन के समय भारत में रखने में विफल रही औऱ अब करतारपुर साहिब गुरुद्वारा पाकिस्तान में पंजाब से 6 किलोमीटर दूर है। 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा," कांग्रेस केवल 6 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद करतारपुर को भारत में मिलाने का समझौता नहीं कर पाई। मैंने कूटनीतिक रास्ते से बात शुरू की। जब मैं पंजाब में रहा करता था मैं दूरबीन से करतारपुर साहिब को देखा करता था। उस समय मैं सोचा करता था कि हमें कुछ करना होगा।"
उन्होंने कहा, "गुरुओं की कृपा से हम यह पवित्र काम कर पाए। जो काम हमने इतने छोटे समय में कर लिया यह बिना श्रद्धा के संभव नहीं था।" प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान से सम्मानपूर्वक गुरु ग्रंथ साहेब को वापस लाए जाने का भी जिक्र किया।
अफगानिस्तान से गुरु ग्रंथ साहिब को सम्मान समेत वापस लाने की ज़रूरत थी। हमने एक विशेष विमान का इंतजाम किया। मैंने अपने एक मंत्री को इसे सम्मान से वापस लाने को कहा। 

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