YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

नेशन

 हिजाब विवाद पर बैकफुट में सरकार, सीएए की तरह बड़ा रुप नहीं ले ले 

 हिजाब विवाद पर बैकफुट में सरकार, सीएए की तरह बड़ा रुप नहीं ले ले 

नई दिल्ली । कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद जिस तरह की शक्ल लेकर आगे बढ़ रहा है, इससे भाजपा में बेचैनी नजर आने लगी है।स्कूल यूनिफॉर्म के आदेश पर पुनर्विचार का कर्नाटक सरकार का इशारा, यूनिफॉर्म ड्रेस कोड को लेकर मध्यप्रदेश के शिक्षा मंत्री के बयान से बीजेपी का दूरी बनाना इसके संकेत हैं। दरअसल, पार्टी में कुछ लोगों को आशंका है,कि ये विवाद भी कहीं नागरिकता विरोधी कानून आंदोलन की तरह बड़ा रूप न ले ले। इस पार्टी के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान और महिलाओं के सशक्त बनाने की पहल के उलट भी देखा जा रहा है।
बीजेपी पदाधिकारियों का मानना है, कि कर्नाटक सरकार और प्रदेश बीजेपी अगर प्रयास करते,तब प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज में स्टूडेंट्स के छोटे से समूह का हिजाब को लेकर प्रदर्शन राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बनता।भीड़ के नारों के बीच कॉलेज जाती लड़कियों के वीडियो, स्कूल गेट पर छात्राओं के हिजाब उतरवाने की तस्वीरें पार्टी में बैचैनी पैदा कर रही हैं।केंद्रीय मंत्री कहते हैं कि यह सब उस समय सामने आया है, जब पार्टी बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर जोर दे रही है, पीएम नरेंद्र मोदी ट्रिपल तलाक पर बैन को मुस्लिम महिलाओं की बड़ी जीत दिखा रहे हैं। संभवतः इसकारण दिल्ली में बैठे सीनियर बीजेपी नेता इस मुद्दे से दूरी बनाए हुए हैं।लोकसभा में भी जब मुद्दा उठा था तब भी तमाम भाजपा नेताओं ने चुप्पी साध ली थी।यहां तक कि अपनी आक्रामक शैली के लिए चर्चित तेजस्वी सूर्या भी कुछ नहीं कह रहे है। हिजाब प्रकरण को लेकर राज्यों में भी बैचेनी साफ दिख रही है। त्रिपुरा के शिक्षा मंत्री अपनी चिंता खुलेआम जाहिर कर चुके हैं। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कह दिया है कि राज्य में हिजाब कोई मुद्दा ही नहीं है। हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने भी स्पष्ट किया है कि स्कूलों में यूनिफॉर्म ड्रेस कोड जैसे किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं हो रहा है।मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी अपने शिक्षा मंत्री के यूनिफॉर्म ड्रेस कोड वाले बयान से किनारा कर चुके हैं।बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं,कि पार्टी में इस बात को लेकर आशंका है कि कहीं हिजाब का ये विवाद सीएए विरोधी प्रदर्शन की तरह न फैल जाए। सीएए का विरोध एक कानून से जुड़ा था, लेकिन ये धर्म और आस्था से जुड़ा हुआ मामला है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पार्टी में अब ये विचार हो रहा है कि मामले को ठंडा कैसे किया जाए।इसके लिए बीच का रास्ता ढूंढा जा रहा है।केंद्रीय नेतृत्व का मानना है कि कर्नाटक का हिजाब विवाद ऐसा मामला था,इस वहीं पर शांत किया जा सकता था।हालांकि कर्नाटक के सीएम बासवराज बोम्मई इसके लिए खुद को जिम्मेदार नहीं मानते हैं। 
 

Related Posts