मुंबई, । रविवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार से उनके मुंबई स्थित सिल्वर ओक निवास पर मिले. यह बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली. इसके बाद दोनों ने एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. शरद पवार इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में गरीबी पर बोले, बेरोजगारी पर बोले, भुखमरी पर बोले देश के विकास से जुड़ी समस्याओं पर बोले, लेकिन बीजेपी के खिलाफ गठबंधन बनाने और उसमें कांग्रेस की भागीदारी या साझेदारी के मुद्दे पर चुप्पी साधे रखी. हालांकि केसीआर ने बिना कोई संकोच किए साफ कहा कि देश में सब सही नहीं चल रहा है. बदलाव के लिए समान विचार वाले लोगों का साथ आना जरूरी है और शरद पवार सबसे अनुभवी हैं, इसलिए गैर बीजेपी शक्तियों का वो नेतृत्व करें. जल्दी ही सभी लोग बारामती में मिलेंगे. केसीआर ने तेलंगाना राज्य बनाने के लिए पवार के समर्थन के लिए उनका आभार भी जताया. उधर शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “आज की मीटिंग थोड़ी अलग हुई है. आम तौर पर ऐसी मीटिंग के बाद इस तरह की चर्चाएं शुरू होती हैं कि कोई गठबंधन बन रहा है क्या? आज की मीटिंग में हमने देश में जो समस्याएं है, उनसे रास्ता निकालने के लिए क्या करना चाहिए, उन मुद्दों पर बातें कीं. गरीबी की समस्याओं पर बातें हुई, भुखमरी को लेकर बातें हुई, बेरोजगारी को लेकर बातें हुईं, किसानों की समस्याओं को लेकर बातें हुईं, तेलंगाना ने देश को रास्ता दिखाया है. किसानों को लेकर उन्होंने अच्छा काम किया है. राजनीतिक चर्चाएं ज्यादा नहीं हुईं. इन समस्याओं का हल ढूंढने में विकास के कामों के लिए सबको साथ मिलकर आने की बातें हुईं”
कुल मिलाकर, केसीआर की सीएम उद्धव ठाकरे के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस और शरद पवार के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में दो खास अलग बातें सामने आईं. बीजेपी के खिलाफ देश में एक विपक्षी गठबंधन बनाने को लेकर केसीआर और उद्धव के सुर एक जैसे थे. लेकिन यहां शरद पवार ने साफ कहा कि देश की समस्याओं पर चर्चा हुई. राजनीतिक चर्चाएं नहीं हुईं. दूसरा फर्क यह कि महाराष्ट्र के सीएम के साथ पीसी में केसीआर ने आगे चलकर समान विचारों वाली शक्तियों का सम्मेलन हैदराबाद में किए जाने की बात की और यहां उन्होंने यह सम्मेलन शरद पवार के गढ़ बारामती में करने की बात की. तीसरी और सबसे अहम बात यह कि केसीआर ने शिवसेना के नेता सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. राकांपा के नेता शरद पवार से बात की. मगर कांग्रेस के किसी नेता से मुलाकात नहीं की. इस पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले की प्रतिक्रिया भी आ गई. उन्होंने कहा कि चाहे जितना ज़ोर लगा लो, बीजेपी का मुकाबला बिना कांग्रेस को साथ लिए हो नहीं सकता. बहरहाल इतना जरूर कहा जा सकता है कि शरद पवार ने भले ही बीजेपी के खिलाफ गठबंधन की शुरुआत पर कुछ नहीं कहा हो, लेकिन इसी पीसी में उनके करीबी नेता प्रफुल्ल पटेल ने बीजेपी से मुकाबला करने के लिए सभी शक्तियों को मिल कर लगने की बात कही है. वैसे भी पवार के बारे में कहा जाता है कि वे जो बोलते हैं, वे करते नहीं, जो नहीं बोलते वो डेफिनेटली करते हैं. यानी केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी गठबंधन का मिलन, संयोजन, सम्मेलन सब शुरू हो चुका है और इसमें शरद पवार की एक अहम भूमिका है.
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मुंबई में तेलंगाना के सीएम से मिलने के बाद शरद पवार ने बीजेपी के खिलाफ गठबंधन पर साधी चुप्पी