नई दिल्ली । देश की सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को उस याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर राजी हो गया जिसमें सीबीएसई तथा अन्य बोर्ड की तरफ से इस वर्ष स्कूलों में (ऑफलाइन माध्यम से) 10वीं और 12वीं कक्षा की प्रत्यक्ष बोर्ड परीक्षाएं आयोजित नहीं कराने का अनुरोध किया गया है। प्रधान न्यायाधीन एनवी रमण, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने याचिका को शीघ्र सूचीबद्ध करने के एक वकील के अभिवेदन पर गौर किया। याचिका में कहा गया था कि कोविड-19 महामारी के कारण प्रत्यक्ष परीक्षाएं आयोजित नहीं कराई जानी चाहिए। अधिवक्ता प्रशांत पद्मनाभन ने कहा, ‘यह कक्षा 10 और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में है। महामारी के हालात के चलते प्रत्यक्ष परीक्षाएं नहीं कराई जानी चाहिए।’ इस पर पीठ ने कहा, ‘मामले को न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की पीठ के पास जाने दीजिए।’ अधिवक्ता ने अधिकार कार्यकर्ता अनुभा श्रीवास्तव सहाय की ओर से दाखिल याचिका का भी जिक्र किया जिसमें सीबीएसई और अन्य बोर्ड को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था, जिन्होंने कक्षा 10 और 12वीं की परीक्षाएं स्कूलों में कराने का प्रस्ताव दिया है।
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प्रत्यक्ष बोर्ड परीक्षाएं स्कूलों में नहीं कराने की याचिका को सूचीबद्ध करने कोर्ट राजी