नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बैंकों को ग्राहकों को कर्ज देने को लेकर ऋण मानकों के मामले में कोई ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए। उद्योग प्रतिनिधियों और वित्त मंत्री के बीच बैठक में वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों को ग्राहकों की सुविधाओं पर और ध्यान देना चाहिए ताकि कर्ज लेने वालों के लिये प्रक्रिया को अधिक सरल किया जा सके। बैठक में बैंक कारोबार से संबंधित एक स्टार्टअप संस्थापक ने बाधा रहित कर्ज का सुझाव दिया। इस पर भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा कि स्टार्टअप की चिंता ज्यादा इक्विटी को लेकर है और उन्होंने पर्याप्त इक्विटी होने पर ऋण देने का भरोसा दिलाया।
बाद में, उन्होंने सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिये सरकार की ऋण गारंटी कोष न्यास का भी जिक्र किया। इस पर सीतारमण ने कहा कि सवाल पूछने वाली महिला एक नये तरीके के उद्यम का संचालन कर रही है। उन्होंने बैंक समुदाय के लिये कुछ सुझाव दिये और उनके रुख को लेकर भी बात की। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘बैंकों को ज्यादा-से-ज्यादा ग्राहक अनुकूल बनने की जरूरत है। लेकिन यह प्रतिकूल जोखिम लेने की सीमा तक नहीं हो। यह आपको लेने की जरूरत नहीं है। लेकिन आपको ग्राहकों की सुविधाओं को ध्यान रखना और अधिक-से-अधिक अनुकूल होने की जरूरत है।''
खारा ने कहा कि बैंक में डिजिटलीकरण की प्रक्रिया बढ़ रही है और पूरी प्रक्रिया को डिजिटल रूप दिया जा रहा है। इससे चीजें सुगम होंगी। उन्होंने कहा कि बैंक अगले दो महीने में पूरी तरह से डिजिटल होगा। भरोसेमंद नकदी प्रवाह को देखते हुए छोटे कारोबार क्षेत्रों के लिए ऋण की वृद्धि व्यक्तिगत ऋण के आंकड़े तक पहुंच सकती है।
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बैंकों को ग्राहकों को कर्ज देने को लेकर ऋण मानकों के मामले में कोई ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए - वित्तमंत्री