मुंबई/पटना । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है। पटना में मीडिया से संक्षिप्त बात करते हुए नीतीश कुमार ने इन चर्चाओं (राष्ट्रपति पद को लेकर उनकी दावेदारी संबंधी) को बेफिजूल करार देते हुए कहा, 'इसका तो हमारे दिमाग में कोई आइडिया ही नहीं है। न हमारी कोई कल्पना है। '
ज्ञात रहे कि महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि है देश के अगले राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार पर कोई भी फैसला विभिन्न दलों के नेताओं द्वारा सामूहिक रूप से लिया जाएगा और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाम पर तभी विचार किया जा सकता है जब उनकी पार्टी जद(यू) भाजपा के साथ संबंध तोड़ती है। मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए नवाब मलिक ने दावा किया कि भाजपा को पांच राज्यों - उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में हार का सामना करना पड़ेगा और भगवा पार्टी को 403 सदस्यीय यूपी विधानसभा में 150 से कम सीटें मिलेंगी।
उन्होंने आगे कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले राष्ट्रीय स्तर पर एक भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस विषय में उन्होंने हाल के दिनों में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और उनकी पश्चिम बंगाल की समकक्ष ममता बनर्जी की महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के शीर्ष नेताओं से मुलाकात का जिक्र किया। एनसीपी नेता ने कहा कि मोर्चा विपक्षी दलों के सामूहिक नेतृत्व में बनाया जाएगा। साथ ही उन्होंने जोड़ा कि कांग्रेस के बिना इस तरह का मोर्चा नहीं बनाया जा सकता। एक सवाल के जवाब में मलिक ने कहा कि इस साल के अंत में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए नीतीश कुमार के (विपक्ष के) उम्मीदवार होने की खबरें हैं।
उन्होंने कहा, "इस पर तब तक चर्चा नहीं हो सकती जब तक वह (नीतीश कुमार) भाजपा से नाता न तोड़ लें। पहले उन्हें भाजपा से नाता तोड़ लेना चाहिए और उसके बाद ही (उनकी उम्मीदवारी पर) विचार किया जा सकता है। सभी (विपक्ष) दलों के नेता फिर एक साथ बैठेंगे और इसके बारे में सोचेंगे।”
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की अटकलों को खारिज किया