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 तुर्की के राष्ट्रपति से संबंधों की वजह से खटाई में पड़ सकती है एयर इंडिया के नए सीईओ अइसी की नियुक्ति

 तुर्की के राष्ट्रपति से संबंधों की वजह से खटाई में पड़ सकती है एयर इंडिया के नए सीईओ अइसी की नियुक्ति

नई दिल्ली । टाटा ग्रुप ने तुर्की के इल्कर अइसी को एयर इंडिया का नया सीईओ नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति खटाई में पड़ सकती है। अइसी तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगान के बेहद करीबी माने जाते हैं। एर्दोआन पाकिस्तान के दोस्त हैं। वह कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर का मुद्दा उठा चुके हैं। ऐसे में अइसी की एयर इंडिया में नियुक्ति को सरकार की तरफ से हरी झंडी मिलने पर संशय है। 
अधिकारियों के मुताबिक टाटा संस ने अइसी की नियुक्ति को हरी झंडी देने के लिए सरकार के पास आवेदन किया है, लेकिन अइसी के मामले में यह मंजूरी केवल औपचारिकता नहीं है। भारत और तुर्की के संबंधों को देखते हुए सरकार को इसमें कई बातों पर गौर करना होगा। एक अधिकारी ने कहा अब सबकुछ सरकार के हाथ में है, क्योंकि एयर इंडिया को हमेशा से राष्ट्रीय गौरव और राष्ट्रीय संपत्ति माना जाता है। इसके साथ ही एविएशन सेक्टर में सुरक्षा के लिहाज से काफी जांच पड़ताल की जाती है। 
माना जा रहा है कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार ने भी टाटा ग्रुप के अधिकारियों के साथ इस बारे में अनौपचारिक बातचीत की है। अइसी ने चुनौतीपूर्ण समय में टर्किश एयरलाइंस की नैया पार लगाई थी, लेकिन उनकी नियुक्ति बहुत कुछ सरकार के दृष्टिकोण पर निर्भर करेगी। टाटा संस जल्दी से जल्दी एयर इंडिया के लिए नया सीईओ लाना चाहती है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए सरकार को सावधानी के साथ सोच विचार करना होगा। इस बारे में टाटा संस ने कोई टिप्पणी नहीं की। एक सूत्र ने कहा अगर अइसी की नियुक्ति को सरकार की तरफ से हरी झंडी नहीं मिलती है, तो टाटा संस को वैकल्पिक प्लान तैयार रखना पड़ सकता है। हाल में खबर आई थी कि गृह मंत्रालय अइसी के बैकग्राउंड की जांच करेगा। सन 2015 से 2021 तक टर्किश एयरलाइंस के सीईओ रहे अइसी के बैकग्राउंड वेरिफिकेशन में केंद्रीय गृह मंत्रालय रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रा) से मदद ले सकता है।
हालांकि, अधिकारियों ने कहा है कि यह नियमित प्रक्रिया है जब किसी विदेशी नागरिक को किसी भारतीय कंपनी का सीईओ नियुक्त किया जाता है, तो ऐसी जांच होती ही है। अइसी करीब दो दशक पहले एर्दोगान के एडवाइजर रहे थे। तब एर्दोगान इस्तांबुल के मेयर थे। नवंबर 2018 में जब अइसी की शादी हुई थी तो उसमें एर्दोगान ने भी शिरकत की थी। एर्दोगान ने कश्मीर मुद्दे पर कई बार पाकिस्तान का समर्थन किया है। वह कई बार कह चुके हैं कि कश्मीर मामले पर तुर्की हमेशा पाकिस्तान का साथ देगा। एर्दोगान तो कश्मीर की तुलना फिलिस्तीन से भी कर चुके हैं और भारत पर कश्मीर में अत्याचार के आरोप भी लगाते रहे हैं।
 

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