YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

वर्ल्ड

रुस को दोस्त चीन से मिल रही पूरी मदद, प्रतिबंध से नहीं डर रहे पुतिन 

रुस को दोस्त चीन से मिल रही पूरी मदद, प्रतिबंध से नहीं डर रहे पुतिन 

मॉस्‍को । रूस की ओर से यूक्रेन पर हमले की आशंका तेजी से बढ़ी हैं। ऐसा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने के साथ ही हो गया है।रूस के फैसले से तनाव और बढ़ गया है। इस बीच अमेरिका और कनाडा की ओर से रूस को लेकर कई प्रतिबंधों की घोषणा की गई है। उधर जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने कहा कि उनके देश ने नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन के प्रमाणन की प्रक्रिया को रोकने के लिए कदम उठाए हैं, क्योंकि पश्चिमी देश यूक्रेन संकट के मद्देनजर रूस के खिलाफ दंडात्मक उपाय कर रहे हैं।  यह फैसला जर्मन सरकार का महत्वपूर्ण कदम है, इसकी आलोचना रूस ने की है। लेकिन रूस को चीन से अब मदद मिल रही है।
पाइपलाइन के द्वारा रूस से यूक्रेन और पोलैंड के रास्‍ते बाल्टिक सागर से जर्मनी को गैस भेजने की योजना थी। हालांकि विशेषज्ञ ऐसी संभावना हैं कि पुतिन को यूरोपीय देशों और अमेरिका से मिल प्रतिबंधों के बाद भी एक लाइफलाइन मिली है, जो उसकी परेशानियां कम कर सकेगी। दरसअल कुछ दिन पहले रूस ने चीन के साथ समझौता किया था। इसके तहत रूस अगले 30 साल तक चीन को गैस उपलब्‍ध कराएगा। इस समझौते के तहत रूस समर्थित ऑयल कॉरपोरेशन गैजप्रोम ने चीनी कंपनी सीएनपीसी को हर साल 10 अरब क्‍यूबिक मीटर गैस सप्‍लाई करने को राजी हुआ है। रूसी विशेषज्ञ का कहना है कि पुतिन और रूस के लिए यह डील काफी सहायक होगी। 117 अरब अमेरिकी डॉलर के रूसी तेल और गैस को चीन भेजने के लिए एक दीर्घकालिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। अगर कोई आक्रमण होता है,तब यह समझौता मास्को को रूस से यूरोप तक नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन को रोकने के अमेरिकी खतरों से संभावित नतीजों को कम करने में मदद देता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि चीन और रूस के बीच हुए इन समझौतों के कारण 2050 तक रूस चीन का सबसे बड़ा सप्‍लायर बन सकता है।रूसी रोजनेफ्ट कंपनी के कुल तेल उत्‍पादन का 25 फीसदी हिस्‍सा अब चीन के पास जा सकता है।वैसे रूस पहले से ही चीन को गैस सप्‍लाई कर रहा है। यह सप्‍लाई सर्बिया पाइपलाइन के द्वारा 2019 में शुरू हुई थी।इसके साथ ही रूस लिक्विफाइड नेचुरल गैस को समुद्र के रास्‍ते चीन भेज रहा है।
 

Related Posts