वाशिंगटन । उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के महासचिव जेंस स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि रूस यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने दक्षिण-पूर्वी यूक्रेन में अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने के मॉस्को के फैसले की निंदा की। स्टोलटेनबर्ग ने पुतिन के कदम को ‘‘तनाव बढ़ाने वाला और अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन बताया। नाटो प्रमुख ने कहा कि इससे हर संकेत’’ मिल रहा है कि रूस यूक्रेन पर व्यापक स्तर पर हमला करने की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा कि नाटो सहयोगियों ने 100 युद्धक विमानों को हाई अलर्ट पर रखा है और आर्कटिक सर्कल से भूमध्य सागर तक 120 से अधिक युद्धपोत समुद्र में तैयार हैं। इस बीच, रूसी सांसदों ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को देश के बाहर सैन्य बल प्रयोग करने की अनुमति दे दी।
अमेरिका ने कहा है कि यूक्रेन पर पहले ही हमला हो चुका है। रूसी संसद के ऊपरी सदन ‘फेडरेशन काउंसिल’ ने रूस से बाहर सैन्य इस्तेमाल की पुतिन को अनुमति देने के लिए सर्वसम्मति से वोट दिया। इससे पूर्वी यूक्रेन में विद्रोही क्षेत्रों में रूसी सैन्य तैनाती को औपचारिक रूप प्रदान हो गया। इन क्षेत्रों में आठ वर्ष पुराने संघर्ष में करीब 14,000 लोगों की मौत हो चुकी है। इससे पहले, पश्चिमी देशों के नेताओं ने कहा कि रूस के सैनिक यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में पहुंच गए हैं। अमेरिका ने पूर्वी यूक्रेन में रूसी सैनिकों की तैनाती का जिक्र करते हुए रूस के कदम को आक्रमण करार दिया है। अमेरिका यूक्रेन संकट के शुरू में इस शब्द का इस्तेमाल करने से हिचकिचाता रहा। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि इस कदम के परिणामस्वरूप अमेरिका रूस पर कड़ी पाबंदियां लगाएगा।
इसके पहले दिन में कई पश्चिमी देशों के नेताओं ने कहा कि पूर्वी यूक्रेन के विद्रोहियों के नियंत्रण वाले इलाकों की स्वतंत्रता को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा मान्यता दिए जाने के बाद रूसी सैनिक इन इलाकों में प्रवेश कर गए हैं, लेकिन कुछ नेताओं ने कहा कि यह यूक्रेन पर पूर्ण आक्रमण के समान नहीं है। बेलारूस, कजाकिस्तान, अजरबैजान और आर्मेनिया सहित रूस के निकट सहयोगी पूर्वी यूक्रेन में विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने के मॉस्को के फैसले को तत्काल समर्थन देने से हिचकिचाते नजर आए।
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नाटो प्रमुख ने कहा, पुतिन के कदम से बढ़ेगा और तनाव