नई दिल्ली । यूक्रेन पर रूस की ओर से किये गये हमले के बाद भारत सरकार के रवैये की कांग्रेस शशि थरूर ने निंदा की है। उन्होंने कहा है कि जब चीन की सेना हमारी सीमा में दाखिल होती है, तो हम उम्मीद करते हैं कि अन्य देश हमारे साथ खड़े हों। यदि यूक्रेन चाहता है कि भारत उसके लिए रूस से बात करे, तो कम से कम हमें इस दिशा में पहल करनी चाहिए।
शशि थरूर ने कहा कि हमें उनकी आकांक्षा के अनुरूप बातचीत करनी चाहिए और इस मुद्दे पर सही रुख अपनाना चाहिए। श्री थरूर ने कहा कि यूक्रेन में भारत के कम से कम 24 हजार विद्यार्थी हैं। इनमें से सिर्फ केरल से 2,300 विद्यार्थी हैं। ये सभी यूक्रेन में फंस गये हैं। उन्हें भी हमारे एक संदेश दिया जाना चाहिए कि भारत उनकी सुरक्षा को लेकर फिक्रमंद है।
सीनियर कांग्रेस नेता ने कहा कि चूंकि हवाई मार्ग को बंद कर दिया गया है, इसलिए यूक्रेन में फंसे लोगों का भारत लौटना कठिन है। भारत सरकार को इसके लिए कदम उठाना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि यूक्रेन ने इस मामले में भारत से हस्तक्षेप करने की मांग की है, इस मामले को समझा जा सकता है। थरूर ने कहा कि हमारी नीति है कि हम युद्ध या हिंसा के जरिये किसी भी देश की सीमा के अतिक्रमण का समर्थन नहीं करेंगे।
शशि थरूर ने कहा कि रूस भारत का मित्र देश है। लेकिन इतने गंभीर मुद्दे पर अगर भारत अचानक चुप्पी साध लेगा, तो इससे यूक्रेन और उसके मित्र राष्ट्रों को निराशा होगी। दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस मामले में भारत अब तक चुप है। उन्होंने कहा कि भारत, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की पुरजोर मांग कर रहा है, की ऐसे मुद्दे पर चुप्पी अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों के खिलाफ है।
नेशन
यूक्रेन संकट पर भारत चुप्पी से शशि थरूर हैरान