सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को अवमानना की सुनवाई के दौरान रिलायंस कम्युनिकेशन के चेयरमैन अनिल अंबानी और उनके वकील मुकुल रोहतगी ने कर्ज वापसी के लिए अनिल अंबानी को दोषी ठहराए जाने पर कड़ी आपत्ति की। सुप्रीम कोर्ट में अनिल अंबानी के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा की सुप्रीम कोर्ट की ना तो कोई अवमानना हुई है, और नाहि अदालत के आदेश को नकारा गया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि एक डायरेक्टर को कर्ज़ चुकाने के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। सभी डायरेक्टर और कंपनी के शेयर होल्डर इसके लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि कोई नहीं चाहेगा की कंपनी संकट में आए। दिवालिया होने की स्थिति में सभी शेयर होल्डर और सभी डायरेक्टर कंपनी का कर्ज चुकाने के लिए कानूनन बाध्य हैं।
मुकुल रोहतगी ने यहीं नहीं रुके, उन्होंने अनिल अंबानी का बचाव करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो 118 करोड़ रुपए अनिल अंबानी से जमा कराए हैं। वह उनका आयकर रिटर्न में चुकाया हुआ व्यक्तिगत पैसा था। सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान एरिक्सन के वकील दुष्यंत दवे ने रिलायंस कम्युनिकेशन की चेयरमैन अनिल अंबानी पर जमकर प्रहार किए।उन्होंने कहा की परिसंपत्तियों की बिक्री से उन्हें 5000 करोड़ रुपए मिले थे। जो वह जानबूझकर छिपा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनिल अंबानी के पास हमारी कंपनी का बकाया चुकाने के लिए पैसे नहीं है।वहीं रफाल में निवेश करने के लिए उनके पास हजारों करोड़ रुपए हैं। दुष्यंत दवे ने अनिल अंबानी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह है राजाओं की तरह रहते हैं। दोनों हाथ से खूब पैसा खर्च करते हैं।लेकिन कर्ज चुकाने के नाम पर वह तरह तरह के बहाने बनाते हैं। सुप्रीमकोर्ट ने गुरुवार को इस मामले की सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया है।
अनिल अंबानी ने जिस तरह कर्ज चुकाने से अपना बचाव किया है। उससे आरकॉम के निवेशकों को समझ लेना चाहिए, कि कंपनी में उनकी भी शेयर के अनुसार कर्ज चुकाने की जिम्मेदारी है।ऐसी स्थिति में कोर्ट उनसे भी कर्ज़ की राशि वसूल करने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है। कंपनी में निवेश करने वालों को समझ लेना चाहिए,अकेले मुनाफे के लिए कंपनी नहीं है।घाटा होने पर उन्हें भी कर्ज़ की रकम चुकानी पड़ सकती है।हालांकि पब्लिक लिमिटेड कंपनी में अभी तक यह प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। किंतु जिस तरीके से मुकुल रोहतगी ने अनिल अंबानी का बचाव किया है। उस स्थिति में कंपनी के शेयर निवेशकों को भी अपने हिस्से की देनदारी चुकाने की कानूनन बाध्यता है।
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अनिल अंबानी पर नहीं वरद सभी डायरेक्टर और शेयर होल्डर कर्ज चुकाने के लिए जिम्मेदार