इस्लामाबाद । यूक्रेन पर रूस के हमले के लेकर पूरी दुनिया में पुतिन के इस कदम की आलोचना हो रही है। वहीं, यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जो भी देश यूक्रेन पर रूसी नेता व्लादिमिर पुतिन के आक्रमण का समर्थन कर रहे हैं, उन पर उनके एसोसिएशन की तरफ से एक दाग लग जाएगा। बाइडेन के ये शब्द खास कर पाकिस्तान के लिए हैं, जिसके पीएम इमरान खान उस वक्त तक मॉस्को में थे, जब पुतिन ने यूक्रेन पर हमला बोला। दरअसल, पाकिस्तान इस समय सबसे कठिन कूटनीतिक परीक्षा का सामना कर रहा है। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हो चुका है, जबकि दोनों ही देशों के साथ इस्लामाबाद के राजनयिक संबंध हैं। इमरान ने मॉस्को के लिए जैसे ही उड़ान भरी, वैसे ही पुतिन ने यूक्रेन के दो क्षेत्रों को अलग-अलग देशों की मान्यता दी और वहां अपने सैनिक भेजने की धमकी दी।
पाकिस्तान के यूक्रेन के साथ भी अच्छे संबंध हैं, इसलिए इमरान के मॉस्को दौरे का समय कूटनीतिक रूप से बहुत नाजुक है। इसी दुविधा को देखते हुए इमरान खान ने मॉस्को जाने से पहले एक रूसी टीवी चैनल से कहा था कि पाकिस्तान किसी का पक्ष नहीं लेगा। न इस क्षेत्र में किसी गुट का हिस्सा बनेगा। वर्षों बाद किसी पाक प्रधानमंत्री ने रूस का दौरा किया है। सोवियत संघ द्वारा अफगानिस्तान पर हमला करने के बाद से दोनों देशों के बीच रिश्ते ठंडे पड़ गए थे। पाकिस्तान ने तब की दूसरी महाशक्ति सोवियत संघ से लड़ने और अफगानिस्तान से उसे बाहर निकालने के लिए अन्य देशों का पक्ष लिया था, लेकिन अफगानिस्तान और पाकिस्तान की ऊर्जा संसाधनों में दिलचस्पी लेने के कारण, जिसे रूस गैस के रूप में निर्यात करने के लिए तैयार था, द्विपक्षीय रिश्ते धीरे-धीरे पटरी पर आने लगे।
इससे पहले प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और सैन्य प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ को मास्को आमंत्रित किया गया था। पिछले साल द्विपक्षीय संबंधों में काफी सुधार हुआ, जब रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव असैन्य और सैन्य नेतृत्व के साथ बैठक के लिए इस्लामाबाद पहुंचे थे। करीब नौ वर्षों के बाद किसी रूसी विदेश मंत्री ने पाकिस्तान का दौरा किया था।
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इमरान के मास्को दौरे पर बोले अमेरिकी राष्ट्रपति- 'पुतिन का साथ देने वालों पर हमारी नजर'