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 आनंद सुब्रमण्‍यम है नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्‍ण का योगी 

 आनंद सुब्रमण्‍यम है नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्‍ण का योगी 


नई दिल्‍ली । नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज (एनएसई) की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्‍ण का रहस्‍यमयी 'हिमालय योगी' आनंद सुब्रमण्‍यम है। एनएसई का यह  पूर्व अधिकारी चित्रा के फैसलों को कथित तौर पर प्रभावित करता था। सुब्रमण्‍यम को  स्‍टॉक मार्केट धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किया गया है। सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि  आनंद ही वह योगी था जिसने ई-मेल के जरिये चित्रा रामकृष्‍ण के साथ संवाद किया।  बाजार नियामक सेबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि उसकी विवादित नियुक्ति उन फैसलों में से एक थी जो चित्रा रामकृष्‍ण ने तथाकथित योगी के प्रभाव में आकर की थी। सूत्रों ने बताया कि एक ईमेल आईडी से आनंद  सुब्रमण्‍यम  के ही योगी होने का खुलासा हुआ था।  सूत्रों ने कहा कि इन मेल्‍स के स्‍क्रीनशॉट सुब्रमण्‍यम के मेल आईडी से मिले हैं।  बता दें कि सीबीआई ने सुब्रमण्यम से पिछले हफ्ते चार दिन पूछताछ की थी। इसके बाद उसे बीती रात करीब 11 बजे चेन्नई से गिरफ्तार किया गया था। सु्ब्रमण्‍यम को पहले वर्ष 2013 में एनएसई में मुख्‍य रणनीतिक सलाहकार नियुक्‍त किया गया था और  बाद में उसे  चित्रा रामकृष्‍ण ने 2015 में ऑपरेटिंग ऑफिसर के तौर पर प्रमोट कर दिया था।  2016 में अनियमितता  के आरोपों के बाद  उसने एनएसई छोड़ दिया था।चित्रा कथित तौर पर 'योगी' को गोपनीय जानकारी शेयर करने को लेकर जांच के दायरे में हैं जो अब उनका ही सहयोगी निकला है।  
चित्रा रामकृष्‍ण वर्ष 2013 से 2016 तक नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज की सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्‍टर थीं, बाद में उन्‍होंने निजी कारणों से पद छोड़ दिया था। चित्रा उस वक्त सुर्खियों में रही थीं, जब बाजार नियामक सेबी ने हाल में एक आदेश जारी किया था, जिसके मुताबिक एनएसई की पूर्व एमडी (चित्रा रामकृष्ण ने) ने एक योगी के प्रभाव में आकर आनंद सुब्रमण्यम को एक्सचेंज में समूह परिचालन अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक का सलाहकार नियुक्त किया।आयकर विभाग ने गुरुवार को चित्रा रामकृष्ण और समूह परिचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यम के खिलाफ कर चोरी के मामले की जांच के तहत मुंबई और चेन्नई स्थित उनके परिसरों पर छापे मारे थे। अधिकारियों के अनुसार, इस कार्रवाई का मकसद दोनों लोगों के खिलाफ कर चोरी और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच करना तथा साक्ष्य जुटाना था।  
 

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