नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश में 5 चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं। अब छठे और सातवें चरण का मतदान बाकी हैं। छठे और सातवें चरण में उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल की 111 सीटों पर चुनाव होना बाकी है। पूर्वांचल में समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच कांटे का मुकाबला होने की उम्मीद है। पूर्वांचल में भाजपा और सपा के गठबंधन साथी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
सपा ने ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के साथ गठबंधन किया है। भाजपा ने अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी के साथ गठबंधन किया है। 2017 में भाजपा के सहयोगी रहे ओमप्रकाश राजभर 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ हैं। ओपी राजभर ने दावा किया है कि इस बार सपा गठबंधन भारी बहुमत से चुनाव जीतेगा।
राजभर ने कई बार कहा है कि गाजीपुर, बलिया, मऊ, आजमगगढ़, जौनपुर में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिलेगी। साथ ही उन्होंने दावा किया है कि वाराणसी की कुछ सीटों पर भी भाजपा को सपा गठबंधन से हार का सामना करना पड़ेगा। बनारस जिले की शिवपुर विधानसभा सीट से ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर सुभासपा के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। जबकि भाजपा ने योगी सरकार में मंत्री अनिल राजभर पर एक बार फिर दांव लगाया है। अनिल राजभर वर्तमान में शिवपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं।
अनिल राजभर ने कहा 10 मार्च को सबको पता चल जाएगा कि राजभरों का असली नेता कौन है? अच्छा होता अगर ओमप्रकाश राजभर खुद मेरे खिलाफ चुनाव लड़ते, लेकिन मुझे नहीं पता कि उन्होंने अपने बेटे को बलि का बकरा क्यों बनाया? अगर हम वाराणसी जिले की शिवपुर विधानसभा सीट की बात करें तो यहां पर राजभर मतदाता निर्णायक भूमिका में रहते हैं। शिवपुर विधानसभा सीट पर मौर्या 85 हजार, राजभर 85 हजार, पटेल 45 हजार, ठाकुर 30 हजार, ब्राह्मण 20 हजार, यादव 18 हजार और दलित मतदाता 20 हजार हैं।
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वाराणसी की शिवपुर सीट पर होगा असली राजभर का निर्णय, योगी के मंत्री के मुकाबले में उतरे अरविंद राजभर