नई दिल्ली । देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी के बहुप्रतीक्षित आईपीओ से पहले मार्केट रेग्युलेटर सेबी में बड़ा बदलाव किया है। माधवी पुरी बुच को सेबी का नया अध्यक्ष बनाया गया है। माधवी यह पद संभालने वाली पहली महिला होंगी। वह अजय त्यागी की जगह लेगी, जिनका पांच साल का कार्यकाल सोमवार को समाप्त हो रहा है। वित्त मंत्रालय ने अक्टूबर 2021 में पद के लिए आवेदन मंगाए थे, जिसकी अंतिम तिथि छह दिसंबर, 2021 थी। हिमाचल कैडर के 1984 बैच के आईएएस अधिकारी त्यागी को एक मार्च, 2017 को तीन साल के लिए सेबी का चेयरमैन बनाया गया था। उन्हें छह महीने का सेवा विस्तार दिया गया था। अगस्त 2020 में फिर उन्हें 18 महीने का सेवा विस्तार दिया गया था। माधवी पुरी सेबी की पूर्णकालिक सदस्य भी रह चुकी हैं। उन्होंने पांच अप्रैल 2017 से चार अक्टूबर 2018 तक यह पद संभाला था। एलआईसी ने आईपीओ के लिए इसी महीने सेबी के पास मसौदा दस्तावेज जमा कराए थे।
माधवी को तीन साल के लिए सेबी का अध्यक्ष बनाया गया है। सूत्रों के अनुसार, इस पद के लिए आईएफएससीए के चेयरमैन इंजेटी श्रीनिवास और पूर्व वित्त सचिव देवाशीष पांडा भी दौड़ में थे।, लेकिन माध्वी की दावेदारी उन पर भारी पड़ी। पहली बार प्राइवेट सेक्टर के किसी व्यक्ति को सेबी की कमान सौंपी है। माधवी ने अपने करियर की शुरुआत आईसीआईसीआई बैंक से की थी। फरवरी 2009 से मई 2011 तक आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की एमडी और सीईओ रही थीं। 2011 में उन्होंने सिंगापुर में ग्रेटर पेसिफिंक कैपिटल एलएलपी जॉइन की थी। उनके पास फाइनेंशियल मार्केट का तीन दशक से भी लंबा अनुभव है।
सेबी में पूर्णकालिक सदस्य के तौर पर उन्होंने सर्विलांस, कलेक्टिव इनवेस्टमेंट स्कीम्स और इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट जैसे पोर्टफोलियो हैंडल किए। सेबी में कार्यकाल खत्म होने के बाद उन्हें सात सदस्यों वाले एक्सपर्ट ग्रुप का प्रमुख बनाया गया। इसका मकसद सेबी को इनहाउस टेक्नोलॉजिकल सिस्टम्स डिजाइन में मदद करना था। सेबी से पहले वह चीन के शंघाई में न्यू डेवलपमेंट बैंक में कंसल्टैंट थीं। आईआईएम अहमदाबाद से मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के बाद वह 1989 में आईसीआईसीआई बैंक से जुड़ी थीं। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से गणित में स्नातक किया है।
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माधबी पुरी पहली बार संभालेगी सेबी की जिम्मेदारी