नई दिल्ली । तेल कंपनियां मार्च की पहली तारीख को रसोई गैस की कीमतों को लेकर बड़ा फैसला कर सकती है। 1 मार्च तय हो जाएगा कि एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम अगले एक महीने तक क्या रहने वाले हैं।बता दें कि हर महीने के एक तारीख को तेल और रसोई गैस की कीमतों को लेकर समीक्षा बैठक की जाती है। बैठक के बाद ही तेल और रसोई गैस के दम बढ़ते और घटते हैं।खासकर रसोई गैस की कीमत को लेकर पेट्रोलियम कंपनियां ही फैसला लेती हैं। बैठक में यूक्रेन और रूस की लड़ाई का असर भी दिख सकता है। इसके बाद सवाल यह उठता है, कि क्या लड़ाई से भारत के आम लोग भी प्रभावित होंगे? क्योंकि, रूस और यूक्रेन की लड़ाई से अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ रसोई गैस की कीमतों में भी बड़ा इजाफा के अनुमान हैं।
यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच दुनिया के कई देशों में गैस की कीमतों में उछाल की संभावनाएं हैं। चार-पांच दिन पहले ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 101 डॉलर बैरल हो गई है। इसके बाद ऑयल-गैस विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में भी पेट्रोल-डीजल के साथ रसोई गैस की कीमतें बढे़गी। इसका असर कई सेक्टरों पर पडे़गा। अंतरर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों के हिसाब से तेल और रसोई गैस के दाम घटाए और बढाए जाते हैं। हालांकि, फरवरी महीने में 5 राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों को देखते हुए घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी, लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी तेल की कीमतों में उछाल आया है, इससे भारत पर भी असर पड़ सकता है।
दिवाली से पहले ही एलपीजी गैस के दाम में बढ़ोतरी की गई थी। एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम में 266 रुपये की भारी बढ़ोतरी की गई थी, हालांकि राहत की बात ये थी कि यह बढ़ोतरी कमर्शियल सिलेंडर में ही हुआ था।घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया था।बीते कई महीनों से घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम नहीं बढ़ रहे हैं।
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आज बढ़ सकते हैं रसाई गैस के दम, रूस और यूक्रेन की लड़ाई का असर