मॉस्को । यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के पांचवे दिन धमाको के स्वर शांत नहीं हुए चारों तरफ तबाही का मंजर है। यूक्रेन की राजधानी कीव हो या वहां के अन्य शहर जहां तक लोगों की निगाहें जा रही हैं, सिर्फ आग-धुआं और खत्म होती एक उम्मीद ही दिख रही है। रूसी हमलों से जान बचाने के लिए लोग इधर-उधर भाग रहे हैं। कुछ ने अंडरग्राउंड मेट्रो में शरण ली है तो कुछ सीमाओं को पार करके दूसरे देश जाना चाहते हैं। जो लोग यूक्रेन को छोड़कर जा रहे हैं उनके पास तो संसाधनों की कमी है ही, लेकिन जो नागरिक वहां रह रहे हैं उनके सामने भी खाने-पीने जैसी बुनियादी आवश्यकताओं की कमी है। रूस के हमले के बाद यूक्रेन में आई मानवीय त्रासदी की खास तस्वीरें आज तक के पास हैं। ये तस्वीरें किसी का भी मन झकझोंर देंगी। रूसी हमलों के बाद भारी संख्या में लोग यूक्रेन को छोड़कर जा रहे हैं।
हंगरी और यूक्रेन के बॉर्डर पर हंगरी का आखिरी गांव जोहानि या रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में पूर्वी और मध्य यूक्रेन से पलायन करके आ रहे यूक्रेन के नागरिक जमा हुए हैं। जरूरत का सामान लेकर आए इन नागरिकों के लिए स्टेशन पर खाने पीने की मामूली व्यवस्था है। यूक्रेन में तबाही मचने के बाद हंगरी के सबसे आखिरी गांव ज़ोहानी के रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में यूक्रेन के नागरिक जमा हुए। यूक्रेन में जिस परिवार की तस्वीर पूरे दुनिया में सबसे ज्यादा वायरल हुई वह परिवार आज तक के कैमरे में हंगरी में कैद हुआ।
नादिया और उसके बच्चों को उसके पिता ने यूक्रेन से बाहर भेजा और खुद वतन की हिफाजत के लिए यूक्रेन में रुक गए। नादिया ने आज तक से बात करते हुए कहा कि उसे अपने पति पर गर्व है और चिंता भी है लेकिन वह चाहती है कि वह वतन की हिफाजत करने के लिए वही रुकें।
नादिया जैसी कई कहानियां इस वक्त हंगरी में कैद हैं। जहां महिलाएं अपने बच्चों को लेकर यूक्रेन को छोड़कर जाने की जद्दोजहद कर रही हैं। वहीं, पुरुष यूक्रेन में ही रहकर रूस का मुकाबला कर रहे हैं। सिर्फ इस उम्मीद पर कि यह सब जल्द खत्म होगा और वह दोबारा से एक आम जिंदगी जी सकेंगे। जानकारी के लिए बता दें कि सोमवार को यूक्रेन-रूस युद्ध का पांचवां दिन है। रूस ने यूक्रेन के शहर कीव, खारकीव, सुमी पर भीषण बम बरसाए हैं। रूसी बमों से बचने के लिए यूक्रेन के कई गांव खाली हो गए हैं।
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युद्ध संकट से बचने हंगरी बॉर्डर पहुंचे लोगों की मुश्किलें बढ़ी