पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने साफ किया कि उनकी सरकार पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पूर्व पीएम नवाज शरीफ पर भ्रष्टाचार के मामलों में कोई नरमी नहीं बरतेगी। इस बीच उन्होंने दोनों नेताओं को प्रस्ताव दिया, 'यदि वे (जरदारी-शरीफ) लूटे हुए पैसे वापस कर देते हैं तो उन्हें पाकिस्तान छोडऩे की अनुमति मिल जाएगी। इमरान ने कहा, शरीफ अपने इलाज के लिए विदेश जाना चाहते हैं तो पहले उन्हें लूटा हुआ धन वापस करना चाहिए और अगर जरदारी की भी कुछ ऐसी परेशानी है तो वह भी लूटा हुआ धन वापस कर पाकिस्तान छोड़ सकते हैं। उन्होंने आगे कहा, धोखाधड़ी मामलों में लिप्त लोगों को अब तक वीआईपी सुविधाएं मिल रही थीं लेकिन अब मैंने कानून मंत्रालय को आदेश दे दिया है कि ऐसे लोगों को आम कैदियों की तरह जेल में रखा जाए। वहीं इमरान ने खुलासा किया कि जेल में बंद शरीफ के बेटों ने अपने पिता की रिहाई की कोशिश के लिए दो मित्र राष्ट्रों से मदद मांगने की कोशिश की है। हालांकि इमरान ने मित्र देशों के नाम का खुलासा नहीं किया, लेकिन कहा- इन देशों ने मुझे सिर्फ संदेश दिया कि शरीफ की रिहाई के लिए दबाव नहीं बनाया गया है। इमरान ने बताया, उन्होंने मुझे कहा कि हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे। इमरान खान जब मीडिया से शरीफ के बारे में बात कर रहे थे तब उनके साथ वित्त सलाहकार हाफिज शेख और फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के अध्यक्ष शब्बार जैदी मौजूद थे।