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संयुक्त राष्ट्र महासभा की आपात बैठक में रुस और यूक्रेन ने एक-दूसरे पर लगाए आरोप 

संयुक्त राष्ट्र महासभा की आपात बैठक में रुस और यूक्रेन ने एक-दूसरे पर लगाए आरोप 

जिनेवा ।रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के विशेष आपातकालीन सत्र के दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे पर निशाना साधा। एक तरफ कीव ने संयुक्त राष्ट्र से आह्वान किया कि मॉस्को उसके खिलाफ जारी आक्रामकता को रोक दें, वहीं दूसरी तरफ, रूस ने जोर दिया कि उसने शत्रुता की शुरुआत नहीं की और वह युद्ध को समाप्त करना चाहता है। यूएनजीए के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने आपातकालीन विशेष सत्र की अध्यक्षता की। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के दौरान यूक्रेन के दूत सर्गेई किस्लिट्सिया ने रूसी में अपना बयान पढ़ा। उन्होंने कहा कि महासभा को वैश्विक सुरक्षा पर मंडराते खतरे के मद्देनजर यह आपातकालीन सत्र बुलाना पड़ा।
सर्गेई ने कहा कि महासभा को स्पष्ट तौर पर रूसी आक्रामकता को रोकने की मांग को लेकर आवाज बुलंद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रूस को बिना किसी शर्त तत्काल यूक्रेनी क्षेत्रों से अपनी सेना को हटाना चाहिए। सर्गेई ने कहा, अगर यूक्रेन नहीं बचता, तब संयुक्त राष्ट्र भी नहीं बचेगा। इस लेकर कोई भ्रम नहीं रहे... अब हम यूक्रेन को बचा सकते हैं, संयुक्त राष्ट्र और लोकतंत्र को बचा सकते हैं। वहीं, संयुक्त राष्ट्र में रूसी दूत वसीली नेबेंजिया ने यूक्रेनी दूत के बाद अपने संबोधन में कहा कि मौजूदा संकट की जड़ यूक्रेन द्वारा किए गए कार्यों में ही निहित है। नेबेंजिया ने कहा, मैं यह बताना चाहता हूं कि रूस ने शत्रुता की शुरुआत नहीं की थी। यूक्रेन द्वारा अपने ही निवासियों, डोनबास के निवासियों और उन सभी लोगों के खिलाफ शत्रुता शुरू की गई, जो असंतुष्ट हैं। रूस इस युद्ध को खत्म करना चाहता है। 
 

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