इस बार देर से पहुंचे मानसून ने बरसात के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। मंगलवार सुबह 8.30 बजे तक पिछले 24 घंटे में 375.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो किसी एक दिन में 5 जुलाई, 1974 के बाद दूसरी और 26 जुलाई, 2005 के बाद की सबसे भीषण बरसात है। जुलाई माह के पहले दो दिन में ही रिकॉर्ड 467 मिमी बरसात व जलभराव के कारण देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में सड़क से लेकर रेल ट्रैक और आसमान तक में यातायात थम जाने से जनजीवन को पूरी तरह ठप हो गया है। मुंबई-पुणे में दीवार व नासिक में वाटर टैंक गिरने से 43 लोगों समेत पूरे महाराष्ट्र में 39 की जान हादसों में चली गई, जबकि 150 से ज्यादा घायल हुए हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने बृहन मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के आपदा नियंत्रण कंट्रोल रूम का दौरा किया तथा राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने लोगों से जरूरी होने पर ही बाहर निकलने की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल आपात सेवाएं ही शुरू रहेंगी। कई प्राइवेट कंपनियों ने भी अपने कर्मचारियों को छुट्टी अथवा घर से काम करने की इजाजत दे दी है। मौसम विभाग ने अभी पांच जुलाई तक मूसलाधार बरसात जारी रहने की संभावना जताई है, जिसके चलते एमबीबीएस आदि में प्रवेश के लिए कागजात सत्यापन 5 जुलाई तक टाल दिया गया है। मुंबई विश्वविद्यालय ने भी बीएससी कंप्यूटर साइंस की परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं।