आजकल विदेशों में पढ़ने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है। इसके लिए न्यूजीलैंड सबसे बेहतर स्थल है। न्यूजीलैंड के आठ बड़े संस्थान इसके दो मुख्य द्वीपों, उत्तरी और दक्षिणी द्वीपों पर स्थित हैं। यहां के संस्थानों में स्टडी और रिसर्च के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। वैसे तो सभी यूनिवर्सिटी आर्ट्स, बिजनस, साइंस में डिग्रियां ऑफर करती हैं लेकिन हर कॉलेज के पास कुछ खास कोर्स ऑफर करने के लिए हैं।
विदेश में पढ़ने वाले छात्रों की लोकप्रिय पसंदों में से एक न्यूजीलैंड भी है। कम खर्च में क्वॉलिटी शिक्षा हासिल करने वालों की चाह रखने वाले विदेशी छात्रों की यह पहली पसंद बन गया है। आइए इसके 5 कारण जानते हैं।
क्वालिटी लर्निंग एक्सपीरियंस न्यूजीलैंड का यूनिवर्सिटी सिस्टम रिसर्च आधारित है क्योंकि यह ब्रिटिश शिक्षा मॉडल को फॉलो करता है। इसलिए दोनों जगह के पढ़ाने के तरीके के अलावा कई और चीजों में समानता पाई जाती है। भारत में भी ब्रिटेन जैसे शिक्षा सिस्टम पर ही अमल किया जाता है, ऐसे में भारतीय छात्रों को वहां अजस्ट करना आसान है। ऐकडेमिक स्टाफ से रिसर्चर होने के साथ-साथ टीचर्स होने की भी उम्मीद की जाती है। इससे सीखने का काफी गुणवत्तापूर्ण अनुभव प्राप्त होता है।
पढ़ाई और रहने-सहने में कम खर्च न्यूजीलैंड में अन्य देशों के मुकाबले रहने-सहने का खर्च कम है। खाने किफायती दामों पर उपलब्ध होते हैं और छात्रों के लिए रहने के कई सारे विकल्प उपलब्ध हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट का खर्च भी कम है जिससे आप खुलकर घूम सकते हैं। नदियों, झीलों, जंगलों और बीचों पर जाकर आनंद उठा सकते हैं।
एक खूबसूरत देश न्यूजीलैंड अपने खूबसूरती पर्यावरण और अडवेंचर गतिविधियों के लिए चर्चित है। सबसे बड़ी बात है कि देश की सभी आठ यूनिवर्सिटियों से वहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। वहां अडवेंचर स्पोर्ट्स और हाइकिंग आदि के लिए काफी विकल्प उपलब्ध हैं।
बाहरी छात्रों का स्वागत न्यूजीलैंड की सोसायटी विदेशी छात्रों का गर्मजोशी से स्वागत करती है। उनका मानना है कि बाहर के छात्रों के आने से सांस्कृतिक विविधता पैदा होती है और अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचता है। वहां के लोग विभिन्न संस्कृतियों के लोगों में दिलचस्पी लेते हैं। वहां के कैंपस में यूरोपी, दक्षिण पूर्व एशिया, यूके, एशिया समेत पूरी दुनिया के छात्र मिल जाएंगे।
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विदेश में पढ़ना है तो न्यूजीलैंड जायें