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पूर्वांचल में चुनावी जंग का फायनल वाराणसी में, पीएम मोदी से पहले कबीर मठ में प्रियंका का डेरा -ममता-अखिलेश-जयंत की वाराणसी में रैली आज 

पूर्वांचल में चुनावी जंग का फायनल वाराणसी में, पीएम मोदी से पहले कबीर मठ में प्रियंका का डेरा -ममता-अखिलेश-जयंत की वाराणसी में रैली आज 

लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अंतिम चरण में प्रवेश कर गया है और इसका का फायनल वाराणसी में होने जा रहा है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। पीएम मोदी 2017 की तरह सातवें चरण के चुनाव प्रचार के अंतिम दो दिन काशी में कैंप कर पूर्वांचल में बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने की कवायद करेंगे। वहीं, पीएम मोदी के मजबूत सियासी दुर्ग को भेदने और चुनावी फिजा को अपने पक्ष में मोड़ने के लिए विपक्षी दलों के नेता काशी पहुंच गए हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पीएम मोदी के पहुंचने से पहले ही बुधवार को वाराणसी पहुंच गई है। प्रियंका ने काशी के कबीर मठ में अपना डेरा डाला है और चुनाव प्रचार खत्म होने तक वहीं रहते हुए अभियान चलाएंगी। वहीं, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी एक साथ अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने के लिए उतर रहे हैं। ममता-अखिलेश-जयंत गुरुवार को वाराणसी में रैली को संबोधित करेंगे। 
बता दें कि 2017 के चुनाव के दौरान भी पीएम मोदी ने तीन दिन तक वाराणसी में कैंप कर रखा था। पीएम मोदी ने काशी को अपना बेस कैंप बनाकर पूर्वांचल के इलाके में चुनावी जनसभाओं के जरिए लोगों से मुखातिब होना शुरू किया  था, तो पूर्वांचल का सियासी माहौल ही बदल दिया था। बीजेपी ने काशी ही नहीं बल्कि पूर्वांचल के इलाके से विपक्षी दलों का सफाया कर दिया था। उत्तर प्रदेश में दोबारा सत्ता पाने के लिए बीजेपी पूर्वांचल पर अपनी पकड़ को मजबूत बनाए रखना चाहती है। ऐसे में पीएम मोदी 2017 की तर्ज पर अपने संसदीय क्षेत्र और पूर्वांचल को बचाने के लिए काशी में कैंप करने रणनीति बनाई। मोदी सातवें चरण के वोटिंग से तीन दिन पहले काशी को केंद्र बनाकर पूर्वांचल को साधने के लिए उतरेंगे। पीएम मोदी चार मार्च 4 से 5 मार्च तक चुनाव प्रचार का शोर थमने तक वाराणसी में रहेंगे। इस दौरान डोर टू डोर कैंपेन के साथ ही जनसभा, रोड शो सहित अन्य कार्यक्रम कर माहौल बनाने का काम करेंगे। 
वहीं, पीएम मोदी के पहुंचने से पहले ही बीजेपी चुनौती देने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी बुधवार को काशी पहुंच गई हैं। यूपी के अंतिम चरण के चुनाव प्रचार खत्म होने तक प्रियंका गांधी काशी में रहकर कांग्रेस के चुनावी प्रचार को धार देने का काम करेंगी। इसके लिए उन्होंने वाराणसी के ऐतिहासिक कबीर मठ में डेरा डाल रखा है, जहां से वो काशी ही नहीं बल्कि पूर्वांचल को सियासी संदेश देने का दांव चला है। कबीर चौरा मठ को अपना ठिकाना बनाकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाराणसी और आसपास के जिलों की सीटों पर चुनाव प्रचार करेंगी। प्रियंका गांधी गुरुवार को वाराणसी की रोड शो और रोहनिया क्षेत्र में रैली करेंगी। प्रियंका ने कबीर मठ के जरिए पूर्वांचल के दलित और पिछड़े वोटों का साधने की रणनीति है। बता दें कि संत कबीर दास सामाजिक न्याय और समानता के संदेश दलित एवं अति पिछड़ा वर्ग बहुत जुड़ाव रखता है। सातवें चरण के जहां पर चुनाव है, वहां पर पिछड़ी व दलितों की संख्या अच्छी-खासी है। 
पूर्वांचल में अखिलेश यादव और जयंत चौधरी की स्थिति को मजबूत करने के लिए गुरुवार को ममता बनर्जी दोनों नेताओं के साथ वाराणसी में रैली और रोड शो करेंगी। इसमें सुभासपा के अध्‍यक्ष ओमप्रकाश राजभर और अपना दल की प्रमुख कृष्णा पटेल भी मौजूद रहेंगी। ममता बनर्जी बुधवार की शाम काशी पहुंचकर गंगा आरती में शामिल हुईं। वहीं, वाराणसी में रिंग रोड किनारे ऐढ़े गांव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव और ममता बनर्जी की संयुक्त रैली होगी। इसके बाद शहर उत्तरी, दक्षिणी और कैंट विधानसभा क्षेत्र में रोड शो करके माहौल बनाएंगी। इस रैली के जरिए सपा काशी और पूर्वांचल में अपनी सियासी ताकत दिखाएंगी। पूर्वांचल के इलाके में ही बीजेपी के खिलाफ सपा ने जबरदस्त तरीके से घेरेबंदी कर रखी है तो बसपा ने भी मजबूत सियासी बिसात बिछा रखी है। ऐसे में बीजेपी के लिए पूर्वांचल में सियासी चुनौतियां खड़ी हो गई है। इस बार बीजेपी के साथ रहने वाले सुभासपा के ओम प्रकाश राजभर, स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान को सपा ने अपने पाले में ले रखा है। बीजेपी अब नई रणनीति के साथ मैदान में उतरी है। बीजेपी ने निषाद पार्टी से हाथ मिलाकर राजभर की भरपाई करने का दांव चला है। ऐसे में देखना है कि पूर्वांचल में चुनावी जंग में ऊंट किस करवट बैठेगा? 
 

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