वाशिंगटन । लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलओसी पर ड्रैगन के उकसावे वाली हरकत पर अमेरिका खुलकर भारत के पक्ष में आ गया है। बाइडेन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने सांसदों को बताया कि चीन हर मोड़ पर भारत को उकसा रहा है, ऐसा ही चीन संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ भी कर रहा है। वाशिंगटन चीनी उकसावे को रोकने के लिए भारत की रक्षा क्षमता को मजबूत करने के लिए प्रगति में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिका की तरफ से कहा गया है,कि बीजिंग द्वारा पूर्वी लद्दाख सीमा पर समझौतों के उल्लंघन की वजह से चीन के साथ भारत के संबंध अभी बहुत कठिन दौर से गुजर रहे हैं।
सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने सीनेट उपसमिति के सदस्यों को बताया कि चीन भारत को हर मोड़ पर उकसा कर अमेरिका को भी चुनौती दे रहा है। उन्होंने कहा कि चीन द्वारा भारतीय सीमा पर हमले के लिए जिम्मेदार रेजिमेंट कमांडर को ओलंपिक मशालवाहक के रूप में चुनने के बाद भारत ने बीजिंग ओलंपिक खेलों का राजनयिक बहिष्कार किया। बीजिंग ने हाल ही में चीन के नए नक्शे भी प्रकाशित किए, इसमें अरुणाचल प्रदेश के कई क्षेत्र के दावों को दोहरा कर शहरों का नाम नए चीनी नामों से रखा गया।
पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध शुरू हो गया। 15 जून, 2020 को गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद आमने-सामने आ गई। भारत पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध पर चीन के साथ पूरी स्पष्टता के साथ बातचीत कर रहा है कि वह यथास्थिति में किसी भी बदलाव या क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को एकतरफा रूप से बदलने के किसी भी प्रयास के लिए सहमत नहीं होगा।
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भारत के खिलाफ चीन की उकसावे वाली हरकत पर भारत के साथ आया अमेरिका