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 जनप्रतिनिधि बनने के बाद राजनेताओं की संपत्ति में हुई चैगुनी वृद्धि! 

 जनप्रतिनिधि बनने के बाद राजनेताओं की संपत्ति में हुई चैगुनी वृद्धि! 

लखनऊ । राजनेता यह कहकर कि वह सेवा करने के भाव से राजनीति में आये हैं और फिर उनके इस कथन पर विश्वास करके जनता उन्हें अपना प्रतिनिधित्व सौंप देती है लेकिन जनप्रतिनिधि बनने के बाद राजनेता सिर्फ अपने विकास को ही महत्व देता है। कमोबेश एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच का विश्लेषण तो इसी ओर इशारा कर रहा है। दरअसल वर्ष 2017 में चुने गए विधायक जो विधानसभा चुनाव 2022 में किस्मत आजमा रहे हैं, उनकी संपत्ति में भारी बढ़ोतरी हुई है। अकेले सूबे में सत्तारूढ़ भाजपा के विधायकों की संपत्तियों में औसतन 59.87 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और इस तथ्य को इन नेताओं ने स्वयं स्वीकार किया है। हालांकि कुछ विधायक ऐसे भी हैं जिनकी संपत्ति कम हुई है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच ने दोबारा चुनाव लड़ रहे विधायकों व विधान परिषद के सदस्यों की आर्थिक स्थिति का विश्लेषण किया है। इसके मुताबिक भाजपा के विधायकों की संपत्तियों में औसतन 59.87 प्रतिशत, सपा के विधायकों की संपत्ति में 46.18 प्रतिशत और बसपा के विधायकों की संपत्ति में 47 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। रायबरेली से कांग्रेस के टिकट पर 2017 विधानसभा चुनाव जीतने वाली अदिति सिंह की कुल संपत्ति 13 लाख 98 हजार रुपये थी। लेकिन 2022 के चुनाव में यह संपत्ति 30 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। वहीं, भाजपा के बांसगांव से विधायक डॉ. विमलेश पासवान की संपत्ति में 13 गुना का इजाफा हुआ है। पहले उनकी संपत्ति 2.18 करोड़ रुपये की थी। इस चुनाव में उनकी संपत्ति 26.13 करोड़ रुपये की हो गई है। बागपत से भाजपा विधायक योगेश धामा की संपत्ति भी 2.54 करोड़ रुपये से बढ़कर 21 करोड़ हो गई है। मेहरोनी से भाजपा विधायक मनोहर लाल की संपत्ति में 1.38 करोड़ से बढ़कर 15 करोड़ रुपये की हो गई  है। अतरौली से भाजपा विधायक संदीप कुमार सिंह की संपत्ति 1.42 करोड़ से बढ़कर 14.46 करोड़ रुपये की हो गई है।
बसपा छोड़ एआईएमआईएम के टिकट पर आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट से चुनाव लड़ रहे गुड्डू जमाली की संपत्ति में सर्वाधिक 77 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। वर्ष 2017 में उनकी संपत्ति 118.76 करोड़ रुपये की थी, जो अब बढ़कर 195.85 करोड़ रुपये की हो गई है। दूसरे नंबर पर छपरौली निवार्चन क्षेत्र से भाजपा के सहेंद्र सिंह रमाला है, उनकी संपत्ति में 46.45 करोड़ की वृद्धि हुई है। वर्ष 2017 में उनकी संपत्ति 38.04 करोड़ थी, जो अब 84.50 करोड़ की हो चुकी है। तीसरे स्थान पर फूलपुर से भाजपा प्रत्याशी प्रवीण पटेल हैं, उनकी संपत्ति में 31.99 करोड़ की वृद्धि हुई है। वर्ष 2017 में उनकी संपत्ति 8.26 करोड़ थी, जो बढ़कर अब 40.26 करोड़ रुपये के बराबर हो गई है।
एडीआर के मुताबिक 17 ऐसे विधायक भी हैं, जिनकी संपत्ति 2017 के मुकाबले इस चुनाव में कम हो गई है। इसमें सपा के राम गोविंद चैधरी की संपत्ति 56.16 लाख रुपये कम हो गई है। चैधरी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। उनकी वर्ष 2017 में कुल संपत्ति 1.60 करोड़ थी, जो घटकर 1.04 करोड़ रुपये रह गई। मिर्जापुर की चुनार सीट से भाजपा विधायक अनुराग सिंह की संपत्ति 1.13 करोड़ रुपये कम हो गई। 2017 में उनकी संपत्ति 13.10 करोड़ थी, वर्ष 2022 में 11.97 करोड़ रुपये की रह गई। कानपुर की किदवईनगर सीट से भाजपा विधायक महेश कुमार त्रिवेदी की संपत्ति भी 69.32 लाख रुपये कम हो गई। सपा के गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह की संपत्ति भी 62.89 लाख रुपये घट गई।
 

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