नई दिल्ली। लखीमपुर हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत पर तलवार लटक गई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे की बेल के खिलाफ दायर अर्जी पर 11 तारीख को सुनवाई करने का फैसला लिया है। ऐसे में अदालत से यदि आशीष मिश्रा की बेल खारिज होती है तो उन्हें फिर से जेल जाना होगा। लखीमपुर कांड में 4 किसानों की कार से कुचलकर मौत हो गई थी। इस घटना के मुख्य आरोपी के तौर पर आशीष मिश्रा के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इसके बाद उन्हें जेल भेजा गया था, लेकिन बीते महीने इलाहाबाद हाई कोर्ट से बेल मिलने के बाद वह बाहर आ गए थे। कार से 4 किसानों के कुचले जाने के बाद हिंसा भड़क गई थी और फिर 4 लोग और मारे गए थे। इस तरह लखीमपुर हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई थी। वकील प्रशांत भूषण ने शुक्रवार को आशीष मिश्रा की बेल के खिलाफ अर्जी दाखिल की। उनका कहना था कि इस मामले में अन्य लोग अब भी बेल के लिए चक्कर काट रहे हैं, लेकिन आशीष मिश्रा को राहत दे दी गई है। इस अर्जी पर चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा कि 11 मार्च को याचिका पर सुनवाई की जा सकेगी। उस दिन अन्य जज भी उपलब्ध रहेंगे। प्रशांत भूषम ने कहा कि आशीष मिश्रा को बेल देते हुए हाई कोर्ट ने इस तथ्य को नजरअंदाज किया है कि उसके बाहर आने पर सबूतों से छेड़छाड़ का अंदेशा है। इसके साथ ही प्रशाांत भूषण ने अदालत से मांग की कि वह हाई कोर्ट को आदेश दे कि अन्य आरोपियों की भी बेल अर्जी पर विचार न किया जाए। इस पर बेंच ने कहा कि आप हाई कोर्ट में यह मेमो दायर करें कि हम आपकी अर्जी पर 11 मार्च को सुनवाई करने वाले हैं। वकील प्रशांत भूषण ने उन तीन किसानों के परिवारों की ओर से अर्जी दाखिल की है, जिनकी इस कांड में मौत हो गई थी। गौरतलब है कि बीते साल 3 अक्टूबर को हुई इस घटना के बाद देश भर में राजनीति गरमा गई थी और यूपी की योगी सरकार बैकफुट पर आ गई थी। यही नहीं यूपी चुनाव में भी विपक्षों दलों ने इस मुद्दे को उठाया था।
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लखीमपुर कांड के आरोपी आशीष मिश्रा की बेल पर लटकी तलवार