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पाठयक्रम के कलात्मक चित्रांकन से स्कूल बने आकर्षण का केन्द्र

पाठयक्रम के कलात्मक चित्रांकन से स्कूल बने आकर्षण का केन्द्र

कहा जाता है कि जितना सकारात्मक वातावरण रहता है उतने ही बेहतर परिणाम आते हैं। इन दिनों ऐसा ही कुछ नजारा रतलाम जिले के कई शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में देखा जा रहा है। जहां  जिला शिक्षा  केंद्र के माध्यम से शिक्षकगण, शैक्षणिक पाठयक्रम को नवीनता के साथ बेहतर ढंग से  बच्चो के समक्ष प्रस्तुत कर रहे है। स्कूल की दीवारों पर मनमोहक ढंग से कलात्मक चित्रांकन के अनूठे प्रयास द्वारा बच्चों को स्कूल तथा पढ़ाई के प्रति आकृर्षित किया जा रहा है।
रतलाम जिले की शिक्षा गारंटी शाला तेलिनीनाका, बटपड़ी, रतनगढ़ पीठ, सिंगत महुआ जैसे  कई  प्राथमिक विद्यालय हैं जहां रंगों के संयोजन से स्कूलों की दीवारों पर पाठ्यक्रम का चित्रांकन बड़ी नवीनता और रोचकता के साथ किया गया है। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान के निर्देश पर  किए जा रहे  इस अनूठे प्रयास से विद्यालयों में रंग रोगन के अलावा आकर्षक चित्रकारी की गई है। शैक्षिक पाठ्यक्रम को विभिन्न रंगों से उकेरा गया, जिसके फलस्वरूप नौनिहाल बड़े उत्साह के साथ अपने विद्यालय के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। यह प्रयास शाला छोड़कर जाने वाले बच्चों के ग्राफ को भी निश्चित रूप से कम करने में सहायक होगा। आदिवासी अंचल के विद्यालयों में पाठ्यक्रम के विभिन्न विषय गणित, हिंदी और अंग्रेजी के विभिन्न उदाहरण भी विद्यालयों पर अंकित किए गए हैं। इसके अलावा प्रकृति और छोटे-छोटे बच्चों के चित्र भी कलात्मक रूप से चित्रित किए गए हैं। एक विद्यालय को तो स्कूल बस का आकार दिया गया है। इन सबके आकर्षण से बच्चों के अलावा उनके  माता-पिता भी प्रसन्न हैं, वे अपने बच्चों को इन शासकीय विद्यालयों में पढ़ाने के लिए उत्साहित नजर आ रहे हैं। निजी विद्यालयों से प्रतिस्पर्धा में शासकीय विद्यालयों में इस अनूठे प्रयोग से पालको तथा बच्चों में शासकीय विद्यालयों के प्रति एक नया आकर्षण उत्पन्न हुआ है, जिससे शासन के “स्कूल चले हम अभियान“ और ‘‘सब पढ़े- सब बढ़े के नारे’’ को चरितार्थ करने में सहायता मिल रही है। राज्य शिक्षा केंद्र एवं मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालयों को रंग रोगन एवं मरम्मत करने हेतु प्रतिवर्ष निर्धारित राशि प्रदान की जाती है। लेकिन इस वर्ष उसी राशि से रतलाम जिले के विभिन्न शासकीय विद्यालयों में किया गया। यह अनूठा प्रयास विद्यालयों को चित्ताकर्षक स्वरूप प्रदान कर रहा है। ये विद्यालय आकर्षण का केंद्र बन गए है।

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