YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

नेशन

आग्रह करने के बाद भी भारतीय छात्रों को निकालने के लिए सुरक्षित गलियारा नहीं  संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने बताया 

आग्रह करने के बाद भी भारतीय छात्रों को निकालने के लिए सुरक्षित गलियारा नहीं  संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने बताया 

जिनेवा । भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा कि वह बेहद चिंतित है, कि रूस और यूक्रेन दोनों से बार-बार आग्रह करने के बावजूद, सूमी में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए सुरक्षित गलियारा नहीं बन सका है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थानीय प्रतिनिधि एवं राजदूत टी.एस. तिरुमूर्ति ने यूक्रेन की मानवीय स्थिति पर सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा, ‘‘ भारत हर प्रकार की शत्रुता को समाप्त करने का लगातार आह्वान करता रहा है। तिरुमूर्ति ने इस पर जोर दिया कि यह महत्वपूर्ण है, कि कोई भी मानवीय कार्रवाई हमेशा तटस्थता, निष्पक्षता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित हो।
उन्होंने कहा, इसमें राजनीति नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत ने सभी निर्दोष नागरिकों, भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से निकालने के लिए सुरक्षित तथा निर्बाध मार्ग मुहैया कराने की मांग की है। तिरुमूर्ति ने कहा, हम बेहद चिंतित हैं कि दोनों पक्षों से हमारे आग्रह के बावजूद, सूमी में फंसे हमारे छात्रों के लिए सुरक्षित गलियारा नहीं बन सके। उन्होंने कहा कि भारत अभी तक यूक्रेन से अपने 20,000 से अधिक नागरिकों की सुरक्षित वापसी कराने में कामयाब रहा है। तिरुमूर्ति ने कहा, हमने अन्य देशों के उन लोगों की भी उनके देश पहुंचने में मदद की, जिन्होंने इस संबंध में भारत से संपर्क किया था। आने वाले दिनों में भी हम लोगों की मदद करते रहूंगा। भारतीय राजदूत ने परिषद को बताया कि भारतीय नागरिकों को घर लाने के लिए 80 से अधिक निकासी उड़ानों का संचालन किया गया। उन्होंने कहा, हम यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों के अधिकारियों द्वारा नागरिकों की वापसी सुविधाजनक बनाने में प्रदान की गई सहायता की सराहना करते हैं।
सूमी में लगभग 700 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं, जो पिछले कुछ दिनों से रूसी और यूक्रेनी सैनिकों के बीच भीषण लड़ाई के साक्षी बन रहे हैं। लेकिन भारी गोलाबारी तथा हवाई हमलों के कारण इसमें अभी तक बहुत कम सफलता मिली है। युद्धग्रस्त यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा शुरू किया है, जिसके तहत वह फंसे हुए भारतीयों (जिनमें ज्यादातर छात्र हैं) को यूक्रेन की पश्चिमी सीमाओं से लगे देशों से स्वदेश ला रहा है। हालांकि, यूक्रेन के पूर्वी हिस्से से लोगों को निकालना चुनौतीपूर्ण है। संयुक्त राष्ट्र में रूस के स्थायी प्रतिनिधि एवं राजदूत वासिली नेबेंजिया ने पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया था,कि यूक्रेन के नागरिकों ने खारकीव और सूमी में 3,700 से अधिक भारतीय नागरिकों को ‘‘जबरन’’ रोक रखा है।
भारतीयों को वहां से निकालने के लिए रूस से बसें जाने को तैयार हैं। वहीं, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने ट्वीट किया था कि मारियुपोल, खारकीव और सूमी के साथ-साथ संघर्षग्रस्त अन्य सभी स्थानों से नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए यूक्रेन में लड़ाई रोकना ‘‘बेहद आवश्यक’’ है।
 

Related Posts