बीजिंग । यूक्रेन पर हमले के बावजूद चीन ने रूस को अपना मुख्य 'कूटनीतिक साझेदार' करार दिया है। अमेरिका और यूरोपीय संघ के मॉस्को पर लगाम लगाने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने के बढ़ते दबाव के बावजूद यूक्रेन पर हमले की निंदा करने से चीन के लगातार इनकार के बीच चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने रूस को बीजिंग का ‘सबसे महत्वपूर्ण कूटनीतिक साझेदार’ बताया। वांग यी ने कहा कि मॉस्को के साथ चीन के रिश्ते ‘दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों में से एक’ हैं। चीन ने यूक्रेन पर रूस के हमला करने के बाद उस पर अमेरिका, यूरोप और अन्य द्वारा लगाए प्रतिबंधों से खुद को अलग कर लिया है। चीन ने कहा कि इन प्रतिबंधों ने नए मुद्दे पैदा कर दिए हैं और राजनीतिक समाधान की प्रक्रिया बाधित कर दी है। उन्होंने चीन की संसद की वार्षिक बैठक से इतर संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य कितना ही खतरनाक क्यों न हो, लेकिन हम अपना कूटनीतिक रुख बरकरार रखेंगे और नए युग में व्यापक चीन-रूस भागीदारी के विकास को बढ़ावा देते रहेंगे। दोनों देशों के लोगों के बीच दोस्ती मजबूत है।’
गौरतलब है कि चीनी नेता शी चिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच चार फरवरी को बीजिंग में हुई बैठक को काफी महत्ता दी गई। इस बैठक के बाद दोनों पक्षों ने एक संयुक्त बयान जारी कर ‘अपने अहम हितों की रक्षा के लिए मजबूत परस्पर सहयोग’ की पुष्टि की।
रूस ताइवान को ‘चीन का अविभाज्य हिस्सा’ मानने के रुख का समर्थन करता है और ताइवान की किसी भी रूप में स्वतंत्रता का विरोध करता है जबकि चीन उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के विस्तार का विरोध करने में रूस का समर्थन करता है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की तुलना ताइवान पर चीन के आक्रमण करने के खतरे से हो रही है। चीन ताइवान को अपने नियंत्रण में एक स्वच्छंद प्रांत मानता है। हालांकि, वांग ने कहा कि ताइवान यूक्रेन से 'मौलिक रूप से अलग' मुद्दा था क्योंकि द्वीप 'चीन के क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा' है। वांग ने ताइवान के सहयोगी अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा, 'कुछ लोग यूक्रेन के मुद्दे पर संप्रभुता के सिद्धांत के बारे में मुखर रहते हुए ताइवान के सवाल पर चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को कमतर आंकते रहे हैं। यह एक ज़बरदस्त दोहरा मापदंड है।
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यूक्रेन पर हमले के बावजूद चीन ने रूस को अपना मुख्य 'कूटनीतिक साझेदार' करार दिया