कीव । रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के 13 दिन पूरे होने को हैं। स्थिति अभी भी जमीन पर सुधरी नहीं दिख रही है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की तरफ से लगातार बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। अब उनकी तरफ से एक और दावा कर दिया गया है, जो रूसी सैनिकों के मनोबल को तोड़ सकता है। जेलेंस्की का कहना है कि इस युद्ध की वजह से रूस ने अपने उतने हथियार गंवा दिए हैं, जितने शायद वहां अपने तीस सालों में भी नहीं गंवा पाता। जेलेंस्की के अनुसार इस युद्ध की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान रूस को ही उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा है, कि इस युद्ध में अभी तक रूस के 12 हजार से ज्यादा सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया गया है। लेकिन इसतरह के तमाम दावों को रूस ने लगातार खारिज किया है।
खबर है, कि वोलोडिमिर जेलेंस्की क्रीमिया और डोनबास क्षेत्र के जिन इलाकों को मान्यता दी गई थी, उनपर रूस से बातचीत को तैयार हैं। रूस इन्हें यूक्रेन से अलग जगहों के तौर पर देखता है। डोनबास में ही वे दो इलाके (लुहान्स्क, डोनेस्क) हैं, जिन्हें रूस ने अलग देश के रूप में मान्यता दी थी।
इसतरह इस मुद्दे पर बातचीत को तैयार होना शांति की ओर पहला कदम साबित हो सकता है। लेकिन अभी के लिए जमीन पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। यूक्रेनी राष्ट्रपति लगातार कह रहे हैं कि इस मुश्किल समय में पश्चिमी देशों ने उनकी कोई मदद नहीं की। वादे जरूर हुए, लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया गया। उन्होंने नोटों देशों पर भी निशाना साधाकर कहा कि नोटो कुछ नहीं कर रहा। उनकी तरफ से पूरी दुनिया से अपील की गई है कि यूक्रेन सिर्फ और सिर्फ जीने के अधिकार को लेकर ये युद्ध लड़ रहा है। उनके सैनिक भी उस अधिकार को सुरक्षित करने के लिए युद्ध मैदान में लड़ रहे हैं। जेलेंस्की ने बताया है कि रूसी सैनिकों द्वारा यूक्रेन के कई स्कूलों को भी निशाना बनाया गया है।
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जेलेंस्की का बड़ा दावा, जितने हथियार इस जंग में इस्तेमाल हुए, उतने 30 सालों में नहीं होते