नई दिल्ली । सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने मंगलवार को कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष से भारत के लिए सबसे बड़ा सबक ये मिला है कि हमें स्वदेशी हथियारों से भविष्य के युद्ध लड़ने के लिए तैयार रहना होगा। सेना प्रमुख के हवाले से कहा, "सबसे बड़ा सबक यह है कि हमें स्वदेशी हथियारों के साथ भविष्य के युद्ध लड़ने के लिए तैयार रहना होगा। रक्षा में आत्मानिर्भर भारत की दिशा में और अधिक कदम उठाने होंगे। भविष्य के युद्धों को अपने हथियार प्रणालियों से लड़ा जाना चाहिए। जनरल नरवणे ने यह भी कहा कि संकट ने दिखाया कि युद्ध कभी भी हो सकते हैं और देश को उनके लिए तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा, "यूक्रेन-रूसी युद्ध से कई सबक सीखे जा सकते हैं। संकट से पता चलता है कि युद्ध कभी भी हो सकते हैं और हमें उनके लिए तैयार रहना होगा। युद्ध केवल वर्चुअली नहीं होंगे और भौतिक डोमेन भी लड़े जाएंगे। इससे पहले एक सेमीनार में चीन और पाकिस्तान से मिल रही चुनौतियों पर प्रतिक्रिया देते हुए सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने था कि भारत कठिन रक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम भविष्य के संघर्षों की कुछ झलकियां देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन आने वाले दिनों में अपने रणनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने का प्रयास जारी रखेंगे। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण मंगलवार को अपने 13वें दिन में प्रवेश कर गया, जिसमें तीन दौर की वार्ता में कोई सफलता नहीं मिली है। रूस कीव में और देश के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में कई प्रमुख स्थलों और आवासीय क्षेत्रों पर गोलाबारी कर रहा है। यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनिकोव ने एक वीडियो संबोधन में कहा कि रूसी सैन्य कार्रवाइयों के कारण कम से कम 400 नागरिकों की मौत दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि रूसी हमलों ने यूक्रेन के 200 से अधिक स्कूलों, 34 अस्पतालों और 1,500 आवासीय भवनों को नष्ट कर दिया है।