नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश, गोवा और मणिपुर समेत 5 राज्यों के चुनाव नतीजे आने वाले हैं। इससे पहले एग्जिट पोल्स में गोवा में किसी को भी बहुमत न मिलने का अनुमान जाहिर किया गया है। इसके बाद से ही कांग्रेस खेमे में हलचल है और उसे 2017 की कहानी के रिपीट होने का डर सता रहा है। ऐसे में इससे निपटने के लिए उसने अपने संकटमोचकों को तैनात कर दिया है। कांग्रेस की ओर से कर्नाटक के दिग्गज नेता डीके शिवकुमार को गोवा भेजा गया है। कांग्रेस की प्लानिंग है कि विधायकों को किसी रिजॉर्ट में रखा जाए ताकि नतीजे आने पर किसी भी तरह की चालबाजी से निपटा जा सके। कहा जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान से डीके शिवकुमार को निर्देश मिला है कि वह सभी विधायक प्रत्याशियों को एक ही जगह रखें। इसमें से एक विकल्प उन्हें रिजॉर्ट में रखने का भी है। डीके शिवकुमार ने खुद कहा कि पार्टी कार्यकर्ता की ड्यूटी के तौर पर मैं रहूंगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पूरी कर्नाटक यूनिट ने ही गोवा में काफी मेहनत की है। अब मैं अपने नेताओं की मदद के लिए मौजूद रहूंगा। इससे पहले भी डीके शिवकुमार का विधायकों को रिजॉर्ट में रखने का अनुभव रहा है। दरअसल 2017 में गोवा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन सरकार बनाने का दावा भाजपा ने पेश किया और विधायकों का समर्थन भी साबित कर सत्ता हासिल कर ली थी। यही नहीं मणिपुर को लेकर भी कांग्रेस सतर्क है। भले ही एग्जिट पोल्स में भाजपा को बहुमत मिलने का दावा किया गया है, लेकिन कांग्रेस को लगता है किसी को बहुमत नहीं मिलेगा। ऐसी स्थिति में वह कोई मौका नहीं चूकना चाहती। इसीलिए उसने छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री टीएस सिंह देव को मणिपुर भेजा है।
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करीबी मुकाबले में छूट न जाए कुर्सी पहले ही गोवा और मणिपुर पहुंचे कांग्रेस के संकटमोचक