नई दिल्ली । अनधिकृत कॉलोनियों में संपत्ति के मालिकों को स्वामित्व अधिकार प्राप्त करने के लिए मानदंडों में ढील को लेकर कई संशोधनों की घोषणा की। रेगुलेशन में प्रस्तावित परिवर्तनों के अनुसार, आवेदकों के लिए 'वसीयत' अनिवार्य नहीं होगी और प्राइवेट लैंड के मामले में पूरे प्लॉट एरिया पर स्वामित्व अधिकार भी प्रदान किया जाएगा। अनधिकृत कॉलोनियों में संपत्ति के मालिकों को स्वामित्व अधिकार प्राप्त करने के लिए मानदंडों में ढील को लेकर कई संशोधनों की घोषणा की। रेगुलेशन में प्रस्तावित परिवर्तनों के अनुसार, आवेदकों के लिए 'वसीयत' अनिवार्य नहीं होगी और प्राइवेट लैंड के मामले में पूरे प्लॉट एरिया पर स्वामित्व अधिकार भी प्रदान किया जाएगा। इस योजना ने अनाधिकृत कॉलोनियों के अन्य 75 लाख निवासियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है, वास्तव में स्वामित्व अधिकार प्राप्त करने वाले निवासियों की संख्या कम है। प्रस्तावित संशोधनों से कन्वेन्स डीड या प्राधिकरण पर्ची प्राप्त करने की प्रक्रिया को बहुत आसान बनाने की उम्मीद है।वहीं मंत्रालय ने कहा कि अनधिकृत कॉलोनियों के लिए विकास नियंत्रण मानदंड भी निर्मित वातावरण की गुणवत्ता में सुधार, निरंतर किफायती किराये के आवास प्रदान करने और अनधिकृत कॉलोनियों में मौजूदा भौतिक और सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार करने के उद्देश्य से तैयार किए गए हैं। संशोधनों ने मौजूदा कॉलोनियों के रेगुलाइजेशन का भी प्रस्ताव करता है जो कुछ न्यूनतम नियोजन आवश्यकताओं को पूरा करती हैं।
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दिल्ली की अवैध कॉलोनियों में प्रॉपर्टी राइट्स मिलना होगा आसान