नई दिल्ली । पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार के लिए खतरे की घंटी हो सकती है। इसलिए क्योंकि पांच राज्यों के चुनावी नतीजों के जरिए बीजेपी उद्धव सरकार को घेर सकती है। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में, ठाणे और उसके आसपास के इलाकों में पर्याप्त संख्या में हिंदी भाषी लोग हैं जो बीजेपी को एक विकल्प के तौर पर चुन सकते हैं। महाराष्ट्र में इस साल निकाय चुनाव होने वाले हैं। एमवीए नेता यह स्वीकार करते हैं कि अपनी सफलता से उत्साहित ल्ल महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस और शिवसेना में असंतुष्ट तत्वों को टारगेट करने की कोशिश कर सकती है या फिर ऐसी स्थिति पैदा करने की कोशिश कर सकती है जिससे राज्य में राष्ट्रपति शासन भी लगाया जा सकता है।
लगातार पांच बार से बीएमसी पर शिवसेना का कब्जा है
शिवसेना नेता ने कहा कि मुंबई और उससे लगे अन्य क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में मौजूद गैर-महाराष्ट्रियन मतादाओं की वजह से नगर निकाय के चुनावों में बीजेपी के खड़े होने की संभावना है। वहीं, शिवसेना को अपने मूल और सहायक वोट बैंक को बरकरार रखना एक चुनौती हो सकती है। लगातार पांच बार से बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) पर शिवसेना का कब्जा है। साल 1997 से शिवसेना बीएएमसी पर कब्जा कर रखी है। बीजेपी प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा कि बीजेपी शासित राज्यों ने पार्टी को सत्ता में लौटा दिया है। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र में भी जनादेश देवेंद्र फडणवीस के पक्ष में था... इसलिए, महाराष्ट्र में आगामी चुनावों में, भाजपा निश्चित रूप से जीतेगी।
नतीजों का असर एमवीए सरकार पर नहीं पड़ेगा
वहीं, एनसीपी के प्रवक्ता क्लाइट क्रेस्टो ने कहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम महाराष्ट्र सरकार के भाग्य को प्रभावित नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि ये नतीजे मायने नहीं रखते हैं। सरकार अच्छा काम कर रही है। वहीं, शिवसेना विधायक और प्रवक्ता मनीषा कायंडे ने कहा बीजेपी सिर्फ मार्केटिंग और इवेंट मैनेजमेंट में माहिर हैं। नतीजों का एमवीए सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
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महाराष्ट्र सरकार के लिए खतरे की घंटी