YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

रीजनल नार्थ

हार से भी सपा खुश

हार से भी सपा खुश

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने वापसी कर ली है। अखिलेश यादव ने बेरोजगारी, महंगाई, छुट्टा जानवरों की समस्या जैसे मुद्दों को उछालकर योगी आदित्यनाथ से सत्ता छीनने की भरसक कोशिश की, लेकिन नाकामयाब रहे। हालांकि, इस हार में भी सपा के लिए खुशी के कुछ मौके और वजहें हैं।  2017 के मुकाबले समाजावादी पार्टी के जनाधार में बड़ा इजाफा देखने को मिला है। पांच साल पहले सपा को 21.8 फीसदी वोट शेयर मिला था, लेकिन इस बार पार्टी के वोटर शेयर में 10 फीसदी का इजाफा किया है। इस बार सपा को करीब 32 फीसदी वोट शेयर मिला है। भले ही सपा को अभी सत्ता हासिल ना हुई हो लेकिन जनाधार का बढऩा उसके लिए शुभ संकेत जरूर माना जा रहा है।
पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने में मिलेगी मदद
समाजवादी पार्टी को यूपी में लगातार चौथी हार मिली है। पार्टी को 2014 लोकसभा चुनाव, 2017 विधानसभा चुनाव, 2019 लोकसभा चुनाव और 2022 विधानसभा में हार का सामना करना पड़ा है। लेकिन बढ़े हुए वोट शेयर और सीटों के साथ पार्टी अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरने से बचा सकती है। इस विधानसभा चुनाव की एक अहम बात यह है कि चार बार यूपी की मुख्यमंत्री रहीं मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी का जनाधार लगातार सिमट रहा है। बसपा का वोट शेयर करीब 10 फीसदी गिरा है, जबकि सपा के वोटर शेयर में इतना ही इजाफा हुआ है। पहली नजर में ऐसा माना जा रहा है कि बसपा से बिखरे वोटों को सपा काफी हद तक अपने पाले में भी लाने में कामयाब रही है। माना जा रहा है कि पहले अल्पसंख्यक वोट का एक बड़ा हिस्सा बसपा के खाते में जाता था, जो इस बार सपा की ओर आया है।
 

Related Posts