नई दिल्ली । जेल की व्यवस्था में नई पहल करते हुए देश में पहली बार दो जेलों को मुलाहिजा जेल में परिवर्तित किया जा रहा है। इसके लिए तिहाड़ परिसर स्थित जेल संख्या चार व मंडोली परिसर स्थित जेल संख्या 11 का चयन किया गया है। जल्द ही दोनों जेलों को सामान्य जेल से मुलाहिजा जेल में परिवर्तित करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बता दें, नियमों में मुताबिक सभी जेलों में एक मुलाहिजा वार्ड बनाया जाता है, जहां केवल ऐसे कैदी को रखा जाता है जिन्होंने पहली बार अपराध के बाद जेल में कदम रखा हो। कोशिश की जाती है कि ये कैदी किसी ऐसे कैदी के संपर्क में न आएं जो बार-बार जेल आते हों। लेकिन जेल में कई ऐसे स्थान हैं, जहां दोनों तरह के कैदियों का संपर्क हो जाता है। ऐसे में इस बात का काफी खतरा होता है कि खतरनाक किस्म के कैदी पहली बार जेल में आने वाले कैदी को बरगलाकर उनसे अपराध की दुनिया में बने रहने को राजी कर लें और उसने गलत काम जेल निकलने के बाद कराते रहें। अभी नियमों के मुताबिक पहली बार या बार-बार आने वाले कैदियों के लिए जेल संख्या के निर्धारण का आधार कैदी के नाम का पहला अक्षर होता है। इस नियम से केवल खतरनाक किस्म के अपराधी, गिरोह के अपराधियों या फिर हाइप्रोफाइल कैदियों को अलग रखा जाता है। लेकिन मुलाहिजा जेल बनने के बाद पहली बार जेल आने वाले कैदियों के लिए नाम के पहले अक्षर के हिसाब से जेल तय नहीं होगी। वे सीधे मुलाहिजा जेल में ही जाएंगे। यहां खतरनाक या बार-बार आने वाले कैदी से उनके संपर्क की संभावना नहीं रहेगी। जेल प्रशासन के अनुसार मुलाहिजा जेल शुरू होने के बाद पहली बार जेल आने वाले कैदियों को सीधे मुलाहिजा जेल ले जाया जाएगा। इसके बाद धीरे धीरे अलग अलग जेलों के मुलाहिजा वार्ड में बंद कैदियों को यहां स्थानांतरित किया जाएगा। इस बीच इन दो जेलों में बंद कैदियों को अलग अलग जेलों में उपलब्ध स्थान के हिसाब से स्थानांतरित किया जाता रहेगा।
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राजधानी दिल्ली की तिहाड़ और मंडोली जेलों में होने जा रहा ये बड़ा परिवर्तन