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दिल में गम और रुंधा गला हार के बाद भावुक दिखीं मायावती किस बात की मिली सजा

दिल में गम और रुंधा गला हार के बाद भावुक दिखीं मायावती किस बात की मिली सजा


नई दिल्ली । इससे बुरा क्या ही होगा। हमें पत्थर काट कर रास्ता बनाने का काम करते रहना है। यूपी विधानसभा चुनाव में महज एक सीट हासिल करने वाली बसपा की मुखिया मायावती ने शुक्रवार को बेहद भावुक अंदाज में यह बात कही। चुनाव में हार पर बोलते हुए मायावती भावुक थीं, गला रुंधा था और वह अपने अंदाज से अलग सबक सीखने की बात करती रहीं। साफ कहा कि हमें मुस्लिम वोटों के सपा में एकमुश्त जाने की सजा झेलनी पड़ी है। लेकिन फिर अपने समर्थकों से अपील की कि निराशन नहीं होना है और सत्ता में आने तक चुप नहीं बैठना है। उन्होंने इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस के पिछले और मौजूदा हालातों का भी उदाहरण दिया। मायावती ने कहा, 'ऐसे खराब राजनीतिक हालात भाजपा ने भी देखे हैं, जब आजादी के बाद से लंबे समय तक भाजपा को जनता ने राज करने का मौका नहीं दिया। 2017 से पहले भाजपा की भी ऐसी मजबूत स्थिति यूपी में नहीं थी। ऐसे ही हालात से आज कांग्रेस गुजर रही है। मैं यह कहना जरूरी समझती हूं कि पूरे यूपी से मिले फीडबैक के मुताबिक जातिवादी नीतियां, निगेटिव प्रचार आदि के माध्यम से यह प्रचार किया गया बीएसपी भाजपा की बी टीम है। यह प्रचार किया गया कि बसपा के मुकाबले सपा ज्यादा बेहतर ढंग से भाजपा से लड़ रही है। : इससे बुरा क्या ही होगा। हमें पत्थर काट कर रास्ता बनाने का काम करते रहना है। यूपी विधानसभा चुनाव में महज एक सीट हासिल करने वाली बसपा की मुखिया मायावती ने शुक्रवार को बेहद भावुक अंदाज में यह बात कही। चुनाव में हार पर बोलते हुए मायावती भावुक थीं, गला रुंधा था और वह अपने अंदाज से अलग सबक सीखने की बात करती रहीं। साफ कहा कि हमें मुस्लिम वोटों के सपा में एकमुश्त जाने की सजा झेलनी पड़ी है। लेकिन फिर अपने समर्थकों से अपील की कि निराशन नहीं होना है और सत्ता में आने तक चुप नहीं बैठना है। उन्होंने इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस के पिछले और मौजूदा हालातों का भी उदाहरण दिया। मायावती ने कहा, 'ऐसे खराब राजनीतिक हालात भाजपा ने भी देखे हैं, जब आजादी के बाद से लंबे समय तक भाजपा को जनता ने राज करने का मौका नहीं दिया। 2017 से पहले भाजपा की भी ऐसी मजबूत स्थिति यूपी में नहीं थी। ऐसे ही हालात से आज कांग्रेस गुजर रही है। मैं यह कहना जरूरी समझती हूं कि पूरे यूपी से मिले फीडबैक के मुताबिक जातिवादी नीतियां, निगेटिव प्रचार आदि के माध्यम से यह प्रचार किया गया बीएसपी भाजपा की बी टीम है। यह प्रचार किया गया कि बसपा के मुकाबले सपा ज्यादा बेहतर ढंग से भाजपा से लड़ रही है।
 

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