नई दिल्ली । गोवा के मतदाताओं ने तृणमूल कांग्रेस की पश्चिम बंगाल से बाहर अपने पैर पसारने और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनौती देने के लिए एक राष्ट्रव्यापी पार्टी के रूप में उभरने की योजना पर फिलहाल पानी फेर दिया है। गोवा विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस जोर-शोर से मैदान में उतरी थी, लेकिन उसे कोई सीट नहीं मिलने से उसके प्रयास सफल नहीं हो पाए।
यहां तक कि उसकी चुनाव पूर्व सहयोगी महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी ने भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन में हाथ बढ़ाया है। भाजपा ने राज्य की 40 विधानसभा सीट में से 20 पर जीत हासिल की है। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुईजिन्हो फलेरियो और टेनिस के दिग्गज लिएंडर पेस को अपने पाले में शामिल करके राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए जबरदस्त प्रयास किए थे।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के बाद पार्टी की गोवा में यह हार हुई है और वह भी ऐसे समय जब तृणमूल कांग्रेस त्रिपुरा, मेघालय, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और असम में अपनी महत्वाकांक्षा के साथ देशभर में अपने चुनावी आधार का विस्तार करना चाह रही है।
हालांकि, तृणमूल कांग्रेस में सूत्रों ने संकेत दिया है कि पार्टी गोवा में 5.21 प्रतिशत मत मिलने से उत्साहित है और चार सीट पर दूसरे स्थान पर आ गई है और 5 महीने पहले राज्य में चुनावी मैदान में उतरी पार्टी के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। पार्टी के नेताओं ने विपक्षी मतों के विभाजन के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। उनका दावा है कि इससे भाजपा की जीत हुई है।
एक सूत्र ने कहा कांग्रेस के मत प्रतिशत में कमी आई है, लेकिन भाजपा भी अपने मत प्रतिशत को सुधार नहीं पाई है। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने ट्वीट किया कांग्रेस गोवा में कहती रही कि वह अपने बलबूते सरकार बनाएगी। उन्होंने गठबंधन का प्रस्ताव रखने वाले विपक्षी दलों का उपहास किया। सभी विपक्षी दल जानते हैं कि समान विचारधारा वाला गठबंधन ही भाजपा को हरा सकता है, लेकिन कांग्रेस का अहंकार कभी न खत्म होने वाली समस्या है।
नेशन
गोवा के मतदाताओं ने तृणमूल कांग्रेस की योजना पर फेरा पानी