वाराणसी ।पांचों राज्यों के विधानसभा चुनावों का परिणाम आ चुका है और यूपी समेत चार राज्यों में भाजपा ने सत्ता रिपीट की है। मतगणना से पहले जहां अखिलेश ईवीएम मशीन से छेड़छाड़ का आरोप लगा रहे थे तो अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि चार राज्यों में भाजपा की जीत के पीछे विशाल जनादेश नहीं मशीनरी जनादेश रही। ममता बनर्जी ने जोर देकर कहा कि "केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग करके और तानाशाही के माध्यम से" चुनाव जीतना भाजपा को 2024 की जीत तक नहीं पहुंचाएगा। पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि यह एक लोकप्रिय जनादेश नहीं है, यह एक मशीनरी जनादेश है। सिर्फ इसलिए कि उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग करके और तानाशाही के माध्यम से कुछ राज्यों को जीत लिया है, वे यह सोचकर खुशी से झूम रहे होंगे कि वे 2024 भी जीतेंगे! लेकिन यह इतना आसान नहीं होने वाला है। दरअसल, बीते रोज पीएम नरेंद्र मोदी ने भाजपा मुख्यालय पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि कुछ ज्ञानी लोग अब ये भी भविष्यवाणी करने लगे हैं कि 2024 में भी भाजपा का यही प्रदर्शन रहने वाला है। इस पर अगले दिन शुक्रवार को ममता बनर्जी ने कहा कि कौन भविष्यवाणी कर सकता है कि दो साल बाद क्या होगा? नियति ही नियति है। नियति और मंज़िल में अंतर है! ममता बनर्जी ने कहा कि मुझे लगता है कि अखिलेश यादव को जबरन हराया गया था। उसे इसे चुनौती देनी चाहिए। ईवीएम की फोरेंसिक जांच होनी चाहिए। ममता बनर्जी ने अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को अपना समर्थन दिया था, वाराणसी में एक रैली में भाग लिया था और सपा की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे। मुख्यमंत्री ममता ने कांग्रेस की चुनावी हार के बारे में बोलने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, 'मैं कांग्रेस के बारे में कुछ नहीं कह रही हूं। टीएमसी के मुखपत्र "जागो बांग्ला" में संपादकीय ने कांग्रेस पार्टी की आलोचना जारी रखी, जिसमें लिखा था: कांग्रेस एक विफलता है ... यूपीए खत्म हो गई है ...यहां तक कहा गया कि कांग्रेस ने "खुद को फ्रीजर में बंद कर दिया है।
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अखिलेश यादव हारे नहीं, हराया गया है ममता बनर्जी ने उठाया ईवीएम पर सवाल