YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

नेशन

मुआवजे के लिए कोरोना से मौत का फर्जी सर्टिफिकेट बनवाने पर सुप्रीम कोर्ट  चिंतित

मुआवजे के लिए कोरोना से मौत का फर्जी सर्टिफिकेट बनवाने पर सुप्रीम कोर्ट  चिंतित

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से मौत पर मिलने वाले 50 हजार रुपए के मुआवजे के लिए फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने के मामलों पर चिंता जताई है। कोर्ट ने संकेत दिया कि वो इस मामले की जांच के लिए सीएजी को आदेश दे सकती है। इससे पहले 7 मार्च को न्यायमूर्ति एम.आर. शाह और न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना की पीठ ने कहा कि मुआवजे की मांग करने वाले दावों के लिए कुछ समय-सीमा होनी चाहिए। पीठ ने कहा, ‘चिंता की बात यह है कि चिकित्सकों की ओर से फर्जी प्रमाणपत्र दिए जा रहे है। यह बहुत ही गंभीर बात है। कृपया सुझाव दें कि हम चिकित्सकों द्वारा जारी किए जा रहे फर्जी प्रमाणपत्रों के मुद्दे पर कैसे अंकुश लगा सकते हैं। यह किसी का वास्तविक हक छीन सकता है। इसी साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट  ने कोविड-19 से मृत्यु के मामलों में मृतकों के परिजनों को मुआवजा नहीं दिए जाने को लेकर राज्य सरकारों पर अप्रसन्नता जताई थी। कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों नहीं उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू की जाए। पीठ ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों से कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों से संपर्क करने और मुआवजा दावों का पंजीकरण व वितरण उसी तरह करने के लिए कहा, जैसा 2001 में गुजरात में आए भूकंप के दौरान किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 4 अक्टूबर को कहा था कि कोविड-19 से मृत किसी व्यक्ति के परिजन को 50,000 रुपए का मुआवजा देने से कोई भी सरकार केवल इस आधार पर मना नहीं करेगी कि मृत्यु प्रमाणपत्र में कारण में वायरस का उल्लेख नहीं है। अदालत ने यह भी कहा था कि संबंधित जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण या जिला प्रशासन में कोरोना वायरस के कारण मृत्यु के प्रमाणपत्र और कारण ‘कोविड-19 की वजह से मृत्यु’ प्रमाणित किए जाने के साथ आवेदन करने की तारीख से 30 दिन के अंदर अनुग्रह राशि दी जानी होती है।
 

Related Posts